यमदूत नहीं ले जायेंगे नर्क अगर मृत्यु के समय अपने पास रखेंगे ये अनोखी चीजे

यमदूत नही ले जायेंगे नर्क अगर मृत्यु के समय अपने पास रखेंगे ये चीजे

यमदूत नही ले जायेंगे नर्क अगर मृत्यु के समय अपने पास रखेंगे ये चीजेलाइव हिंदी खबर :-इस दुनिया में पैदा हुआ है उसकी एक न एक दिन मृत्यु निश्चित है मृत्यु नहीं बदली है लेकिन व्यक्ति स्वर्ग जाने का रास्ता चुन सकता है और क्या करने से आपको स्वर्ग का दरवाजा खुल जाता हैं तो जानते हैं इस आर्टिकल में, मृत्यु के समय इन बातों का ध्यान रखे रखें। प्राचीन काल में, ऋषि, मुनि दानब और दैत्य घोर तप करते थे तप के बल पर भगवान को प्रसन्न कर मनोवांछित फल प्राप्त करते थे। आज विज्ञान इतना आगे बढ़ चुका है कि लगभग सभी इच्छाएँ चुटकी में पूरी हो जाती हैं।

यदि कल और आज में कुछ भी नहीं बदला है तो यह मृत्यु का अटल समय सत्य है। जो कल भगवान के हाथ में था और आज भी है। संसार क्षणभंगुर है जो मनुष्य इस संसार में आया है वो एक दिन मृत्यु का स्वाद जरूर चखता हैं। यदि हम सनातन धर्म के शास्त्रों को मानते हैं तो मृत्यु के बाद मृत्यु के दो तरीके हैं जो अच्छे कर्म करता है वह स्वर्ग के सुखों को भोगत है और बुरे कामों के परिणामस्वरूप नरक की यातनाएँ भोगनी पड़ती हैं।

नरक का नाम सुनते ही शरीर की आत्मा कांप उठती है। शास्त्रों में नरक से बचने के कई उपाय बताए गए हैं। कुछ चीजें हैं जो मृत्यु के समय व्यक्ति के पास होती हैं तो यमदूत उसे नरक में नहीं ले जाते हैं, और जब आत्मा शरीर से बाहर निकलती है तो यह दुख से राहत भी देती है। तुलसी का पौधा सिर के पास हो या सिर पर तुलसी का पत्ता हो यमदूत दोनों स्थितियों में व्यक्ति के पास नहीं आते हैं। शास्त्र कहते हैं कि तुलसी विष्णुप्रिया हैं इसीलिए यह भगवान के मस्तक को सुशोभित करती हैं।

मृत्यु के समय मुख में गंगा जल होने से शरीर और मन दोनों पवित्र हो जाते हैं। धर्मशास्त्र कहता है कि जब कोई शरीर को पवित्रता के साथ त्यागता है तो व्यक्ति को यमदंड से राहत मिलती है।

श्रीमद भागवत का पाठ अंत समय में जिस व्यक्ति के कान में पड़ता हैं उस व्यक्ति का शरीर और दुनिया का मोह समाप्त हो जाता हैं और बिना कष्ट के आत्मा शरीर का त्याग करती है और मोक्ष को प्राप्त करती है। इसके अलावा जो व्यक्ति अपनी धार्मिक पुस्तक को सुनते हुए अपने प्राण त्याग देता है उसे नर्क का दुख नहीं सहना पड़ता है। रिश्ते को मृत्यु के बाद एक ही माना जाता है।

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