लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :- खाने में आयोडीन की मात्रा कम रहे या ज्यादा जा रही है तो समस्या। जीवनशैली में तनाव और गलत खानपान भी वजह। इसके अलावा हृदय, मानसिक बीमारियों के मरीजों को दी जाने वाली दवाओं से भी थायरॉइड की दिक्कत होती है। ये दवाएं लंबे समय तक लेने से हॉर्मोन्स का असंतुलन थायरॉइड डिसऑर्डर की वजह बनता। चिकित्सक से दवाओं में बदलाव कराते रहें।
मशरूम : इसमें सेलेनियम की मात्रा अधिक होती है, जो थायरॉइड नियंत्रित करने का काम करता है। इसलिए मरीजों को नियमित प्रयोग करना चाहिए।
अंडा : इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, सेलेनियम पाया जाता है। गर्मियों के अलावा नियमित दो अंडे का प्रयोग कर सकते हैं।
दही : नियमित दही खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इससे थायरॉइड हार्मोन नियंत्रित रहते हैं। शरीर की प्रकृति के अनुसार प्रयोग करना चाहिए।
सूखे मेवे : बादाम, अखरोट का प्रयोग कर सकते हैं। आयोडीन के अच्छे स्रोत हैं। थायराइड ग्रंथि को स्वस्थ करने में मदद करता है।
अलसी : अलसी में 23 प्रतिशत ओमेगा-3 फैटी एसिड व 20 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है। ओमेगा 3 फैटी एसिड थायरायड ग्रंथि के सही तरीके से काम करने में मदद करता है। हाइपोथायरायडिज्म के मरीज अलसी व इसके तेल का प्रयोग कर सकते हैं।