जन्मदिन हो या शादी की सालगिरह का अक्सर लोग रात में 12 बजने का इंतजार करते हैं। 12 बजते ही बधाई देने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा करना अशुभ होता है। शास्त्रों में भी इसे गलत बताया गया है। आइये जानते हैं क्यों रात 12 बजे बाधाई नहीं देना चाहिए…
शास्त्रों के अनुसार, रात 12 बजे को निशीथ काल कहा जाता है। इस वक्त भूत-प्रेतों के लिए समय होता है और इस वक्त ऐसी ही शक्तियां सक्रिय रहती हैं। शास्त्रों के अनुसार, पिशाच काल में कोई भी शुभ कार्य करने से वो फल नहीं मिलते हैं।
पिशाच काल में कुछ भी शुभ कार्य करने से परेशानियां आनी शुरू हो जाती है यही कारण है कि उस वक्त केक काटना, मदिरा पीना, नशा करना आदि सब से भाग्य और आयु दोनों कम होती है।
निशीथ काल में जन्मदिन की शुभकामनाएं देकर उस व्यक्ति को दुर्भाग्य देते हैं। दरअसल, शास्त्रों के अनुसार 12 से 3 बजे का समय किसी भी ऐसे काम के लिए शुभ नहीं है, जो खुशी दे। साल के कुछ शुभ दिनों में ये समय शुभ प्रभाव देता है, जैसे दीवाली, दशहरा, जन्माष्टमी, शिवरात्रि आदि की शुभकामनाएं देते हैं तो यह शुभ होता है।
शास्त्रों के अनुसार, हिंदू धर्म में अगले दिन की शुरुआत सूर्योदय के साथ होती है, इसलिए इसी काल से नए दिन का आगमन स्वीकार करना चाहिए। सूर्योदय के समय वातावरण शुद्ध और नकारात्मकता विहीन होता है। जबकि प्रेत काल में दी गई शुभकामनाएं भी प्रतिकूल फल देती हैं। इसलिए ऐसे समय में दी गई शुभकामनाएं गलत असर करती हैं।