हेल्थ कार्नर :- आंबा हल्दी के पेड़ भी हल्दी की ही तरह होते हैं, दोनों में अंतर यह है कि आंबा हल्दी के पत्ते लम्बे और नुकीले होते हैं। आंबा हल्दी की गांठ बड़ी और भीतर से लाल होती है, किन्तु हल्दी की गांठ छोटी और पीली होती है। दोस्तों आपको बता दें कि आंबा हल्दी का अधिक मात्रा में सेवन हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है।
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उसके साथ ही आंबा हल्दी, अलसी, घीग्वार का गूदा और ईसबगोल को पीसकर एक साथ मिलाकर आग पर गर्म करने के बाद ट्यूमर पर लगाने से लाभ होता है और सूजन मिट जाती है। उसके साथ ही आंबा हल्दी और कालानमक को मिलाकर पानी के साथ पीने से पेट के दर्द में आराम होता है। यदि आप दाद,खाज, खुजली जैसी समस्या से परेशान है, तो आपको उस जगह पर आंबा हल्दी को पीसकर लगाना चाहिए इससे आपको आराम मिल जाएगा।