इस गुरुद्वारे में है अनोखी मान्यता, चढ़ाइए प्लास्टिक का हवाई जहाज और जाइए विदेश!!

इस गुरुद्वारे में है अनोखी मान्यता, चढ़ाइए प्लास्टिक का हवाई जहाज और जाइए विदेश!! लाइव हिंदी खबर :-मंदिर और गुरुद्वारे में मन्नत मांगते हुए लोगों को आपने अक्सर देखा होगा। कोई प्रसाद चढ़ाने के लिए मन्नत मांगता है तो कोई भंडारे का। साथ ही मंदिर पर अक्सर आपने लोगों को मिठाइयां या लड्डू का प्रसाद चढ़ाते भी देखा होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गुरुद्वारे के बारे में बताने जा रहे हैं जहां लोग अपनी मन्नत पूरा होने के लिए खिलौने वाले प्लास्टिक के हवाई जहाज चढ़ाते हैं। बात कर रहे हैं पंजाब के जालंधर में स्थित बाबा निहाल सिंह के गुरुद्वारे की। इसे हवाई जहाज गुरुद्वारे के नाम से भी बुलाया जाता है।  एनआरआई क्षेत्र के रूप में मशहूर पंजाब के दोआबा इलाके में इस गुरुद्वारे में लोगों की और युवाओं की गहरी आस्था है ।

वीजा नहीं होता क्लियर तो चढ़ाते हैं प्लास्टिक के हवाई जहाज

इस गुरुद्वारे में आने वाले लोगों की मान्यता है कि यहां हवाई जहाज चढ़ाने से मनचाही डेस्टिनेशन या जगह पर जाने का सपना पूरा होता है साथ ही उस जगह के लिए अप्लाई किये गए वीजा को मिलने में भी ज्यादा दिक्कत नहीं आती।

एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक गुरूद्वारा प्रबंधक का कहना है कि हर रविवार के दिन इस गुरुद्वारे की पहली मंजिल पर 80 से 100 हवाई जहाज चढ़े होते हैं। ये लोगों की श्रधा ही है कि वो वीजा पाने के लिए इस गुरुद्वारे में खिलौने के हवाई जहाज चढ़ाते हैं।

गुरुद्वारे के बाहर मिलता है हजारों रूपए के हवाई जहाज

इस गुरुद्वारे की चर्चा देश में ही नही बल्कि विदेशो में भी है हर साल यहां हजारों भक्त आते हैं और गुरुद्वारे के पास की दुकानों से जहाज खरीद कर चढ़ाते है इन खिलौने की जहाज की कीमत सौ  रूपये से लेकर हजार रूपये तक होती है।

मान्यता ये भी है कि जो लोग विदेश जाने का सपना रखते हैं और किसी ना किसी कारण से वो विदेश नहीं जा पाते वो लोग भी यहां आकर प्लास्टिक के हवाई जहाज चढ़ाते हैं।

हवाई जहाज के साथ चढ़ता है प्लास्टिक का खिलौना वाला घर

निहाल सिंह के इस गुरुद्वारे में सिर्फ जहाज ही नहीं बड़े घर का सपना लिए लोग खिलौनों वाला प्लास्टिक का घर भी चढ़ाते हैं। मन्नत पूरी होने का सपना लिए लोग अपने हर सपने को यहां आकर मांगते है और उसके पूरे होने की उम्मीद रखते हैं। भारत की इसी परम्परा और रीति रिवाज में आज भी कई अनूठी बातें हैं जो सोचने पर मजबूर कर देते है।

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