ऐसे समय महिलाएं न जाये तुलसी के पौधे के पास, वरना घिर जाएँगी संकट में

ऐसे समय महिलाएं न जाये तुलसी के पौधे के पास, वरना घिर जाएँगी संकट में

ऐसे समय महिलाएं न जाये तुलसी के पौधे के पास, वरना घिर जाएँगी संकट मेंलाइव हिंदी खबर :- सभी लोग अपने घर में तुलसी का पौधा रखते हैं तो इस बात का ध्यान भी रखा करें कि जब भी महिलाओं को मासिक परेशानियां होती है उस समय में तुलसी के पौधे को भूलकर भी कभी भी ना छुआ करें और ना ही तुलसी के पौधे के पास आया करें क्योंकि ऐसा करने से भयंकर कष्ट मिलता है।

परिवार में धन की परेशानी आने लगती है और सब कुछ ही बिगड़ जाता है तो जब भी आपको मासिक परेशानी आती हैं कभी भी आप तुलसी के पास जाकर दुआ न करें जब भी आपके मन में नेगेटिव हाल होते हैं बुरे विचार होते हैं। दूसरे के प्रति द्वेष भावना होती है तो उस समय में भी तुलसी के पौधे के पास ना जाना चाहिए

क्योकि तुलसी माता खुद भगवान श्रीकृष्ण के ध्यान में लीन रहते हैं। जिससे उनका ध्यान बिल्कुल भंग हो जाता है जिससे भयंकर बाप लगता है और इसी बात के कारण घर में परेशानिया उत्पन्न होने लगती हैं। हमेशा सुविधाओं का दुखो का सामना करना पड़ता है। खासकर कि जिन लोगों के जीवन में पित्र दोष होते हैं जो ऐसे लोगों को इन सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए

क्योंकि पितृदोष हो जाने के कारण व्यक्ति को अपने जीवन में हमेशा संकट, दुख और कष्टों का सामना करना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति के बनते बनते कार्य बिल्कुल निकट से बिगड़ जाते हैं। सब कुछ हाथ से ही निकल जाता है। मान सम्मान प्रतिष्ठा और समाज में कोई भी आदर नहीं करता है। इस प्रकार पित्र दोष के कारण यह समस्याएं उत्पन्न होती है।

अगर आप तुलसी के पौधे में शालिग्राम को स्थापित करके रोजाना शालिग्राम पर जल चढ़ाते हैं। तिलक लगाते हैं चंदन का अष्टगंध का या फिर कुमकुम तिलक लगाते तो इससे पित्र दोष समाप्त हो जाते हैं। तुलसी का पौधा एक है लेकिन इसके फायदे करोड़ों में कई गुना अधिक है। एकादशी के दिन जो कोई भी व्यक्ति तुलसी के पौधे की परिक्रमा करता है खासकर 108 परिक्रमा करता है।

तुरंत ही तुलसी देवी उसके सारे कष्टों को हर लेती हैं और उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं जिससे उसके जीवन में बिल्कुल सुख ही सुख बरसने लगता है। सुख समृद्धि आकर्षित होने लगती है और सभी कष्ट बिल्कुल समाप्त हो जाते हैं। हमेशा इस बात का ध्यान रखा करें कि तुलसीका पौधा माता स्वरूप है। लक्ष्मी स्वरुप है।

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