अच्छी सेहत का मूल मंत्र है – गहरी सांस ! तन और मन की सेहत भी तभी है , जब सांस में तालमेल हो ! कई शोध में भी ये बात सामने आ चुकी है कि गहरी सांस का सेहत पर गहरा असर होता है ! जब तक हमारी साँसे चलेंगी तब तक हम ज़िंदा रह सकते है ! ये तो सभी जानते है , लकिन इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि आप सांस कैसे लेते है ? क्या आप जल्दी जल्दी सांस लेते है या बहुत धीरे धीरे ? सांस लेने का तरीका भी हमे सेहतमंद बनता है ! हज़ारो वर्षो से सांस लेने और छोड़ने का महत्त्व रहा है ! जिसे आचार्यों ने प्राणायाम के अभ्यास के रूप में प्रस्तुत किया है !
मस्तिष्क रहे सक्रिय : जब आप मैडिटेशन के दौरान नियंत्रित रूप से सांस लेते है , तो ऐसे करने से आपके मस्तिष्क के आकर में वृद्धि होती है ! दिमाग सक्रिय होता है ! हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्य्यन के अनुसार, मैडिटेशन के दौरान सांस लेने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करने से मस्तिष्क का आवरण या बहिये त्वचा को मजबूती मिलती है !
हृदय गति में हो सुधर : सभी की हृदय गति में अंतर होता है ! हृदय गति में अधिक भिन्नता या असमानता कई बार हार्ट अटेक का कारण भी बनता है ! एक अध्ययन के अनुसार, योग से अलग यदि आप गहरी सांस लेने का अभ्यास करते है , तो इनसे हृदय गति की असमानता में सुधर होता है ! आपका दिल अधिक मजबूत और सवस्थ होता है !
तनाव हो काम : यदि आप तनाव महसूस करते है और योग एंव ध्यान के बावजूद भी एंटी डिप्रेशन दवाओं का सहारा लेने जा रहे है , तो ऐसा न करे ! गहरी सांस लेकर और छोड़कर देखें ! कुछ ही दिनों में तनाव से छुटकारा पा लेंगे ! इससे आपका शरीर और दिमाग दोनों शांत अवस्था में रहेगा ! मस्तिष्क को आराम देकर तनाव से मुक्ति पाना चाहते है , तो हर दिन शांत माहौल में बैठकर अपनी सांस लेने की प्रक्रिया पर ध्यान दे !
रक्त दाब रहे सामान्य : यदि किसी को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो कुछ मिनटों के लिए धीरे धीरे गहरी सांस ले इससे हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत दूर हो जाएगी और एक अध्य्यन के अनुसार , धीरे और गहरी सांस लेने से ब्लड वेसल्स रिलेक्स होने के साथ फैलते भी है !
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