हेल्थ कार्नर :- अरहर दो प्रकार की होती है पहली लाल और दूसरी सफेद। यह गर्म और रूक्ष होती है जिन्हें इसकी प्रकृति के कारण हानि हो वे लोग इसकी दाल को घी में छोंककर खायें, फिर किसी प्रकार की हानि नहीं होगी। दोस्तों आपको बता दें कि अरहर के पौधे की सुकोमल डंडियां, पत्ते आदि दूध देने वाले पशुओं को विशेष रूप से खिलाए जाते हैं। इससे वे अधिक तरोताजा बनते हैं और अधिक दूध देते हैं।
- बड़ी खुशखबरी मोदी गवर्नमेंट दे रही है एक करोड़ तक का लोन क्लिक कर कर जानेक्लिक करे
- दसवीं पास के लिए निकली बंपर भर्तियां तुरंत करें आवेदन क्लिक करके जाने क्लिक करे
- रोज खाएं यह 3 चीज, चश्मा कभी नहीं लगेगा क्लिक कर जानें पूरी खबर
उसके साथ ही नाड़ी की जलन के लिए अरहर दाल को जल के साथ पीसकर लेप बना लें। इसके लेप को नाड़ी की जलन पर लगाने से रोग जल्द ठीक हो जाते हैं। अरहर के कच्चे पत्तों और हरी दूब का रस निकालकर उसे छानकर सूंघने से आधे सिर का दर्द दूर हो जाता है। उसके साथ ही रात को अरहर की दाल को पानी में भिगोने के लिए रख दें। सुबह इस पानी को गर्म करके कम से कम 3-4 बार कुछ देर तक कुल्ला करने से गले की सूजन दूर हो जाती है।