जानिए आखिर क्यों यहाँ मर्दों को देखते ही डर जाती हैं लड़कियां, होती है बेहद अजीब सी बेचैनी

जानिए आखिर क्यों यहाँ मर्दों को देखते ही डर जाती हैं लड़कियां, होती है बेहद अजीब सी बेचैनी

जानिए आखिर क्यों यहाँ मर्दों को देखते ही डर जाती हैं लड़कियां, होती है बेहद अजीब सी बेचैनी

लाइव हिंदी खबर :- अकसर लड़कियों को पुरुषों के करीब जाने या उनके आसपास होने पर डर और बेचैनी महसूस होती है। यह एंड्रोफोबिया है जिसमें पुरुषों के भय के साथ-साथ उनके साथ संबंधों को बनाने का एक फोबिया है। डॉक्टरों की माने तो, यह डर पिछले नकारात्मक अनुभवों पर आधारित होता है, इस एंड्रोफोबिया से ग्रस्‍त लड़कियों को लगता है कि पुरुष खतरनाक होते हैं और उनके पास जाने से उन्‍हें नुकसान पहुंच सकता है।

एंड्रोफोबिया से ग्रसित होने के कारण…

यह फोबिया जेनेटिक भी हो सकता है। बचपन में हुए किसी खतरनाक हादसे या घटना के कारण लड़कियों के मन में इस तरह का डर बैठ सकता है। ये स्वाभाविक है कि जब आपके साथ कुछ दर्दनाक घटित होती है तो आपका दिमाग उसे रिकॉर्ड कर लेता है और फिर उससे संबंधित डर पैदा कर देता है और बार-बार आपको उस खतरे से दूर रहने की चेतावनी देता है। युवा लड़कियों में अनौपचारिकता का विकास फीचर फिल्मों की समीक्षा के रूप में कर सकते हैं, जहां पुरुषों से आक्रामकता का विषय उठाया जाता है।

एंड्रोफोबिया के लक्षण…

डोक्टरों के अनुसार कुछ मामलों में ये एंड्रोफोबिया आनुवांशिक साबित होता है। इस डर के पीछे आनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं। हो सकता है कि जिन लड़कियों को ये फोबिया होता है उनकी मां में भी इस तरह का डर पहले से ही रहता हो। मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि नारीवाद वृद्धावस्था के लिए एक सीधा सड़क है और एक मनोचिकित्सक से उपचार के एक दौर से गुजरने की सलाह दी है। महिलाओं को शुरू में विश्वास होता है कि पुरुष केवल महिलाओं के साथ बलात्कार, हथियारों के साथ ही काम कर सकते हैं। ऐसी महिला पुरुषों से शरीर को अप्रत्याशित स्पर्श को बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं।

एंड्रोफोबिया का उपचार…

अगर कोई इस फोबिया से ग्रसित है तो उसको ज्‍यादा से ज्‍यादा अपने दोस्‍तों और परिवार के लोगों के बीच रहना चाहिए। प्रोफेशनल हैल्‍प भी इस मुसीबत से उसको बचा सकती है। कोई न कोई इंसान उसके लिए भी बना है जो एक दिन उसकी जिंदगी में आएगा और उसकी दुनिया पूरी तरह से बदल जाएगी।

ये है एंड्रोफोबिया के बारे में अगर आप या आपकी कोई जानकार इस एंड्रोफोबिया से ग्रसित है तो उन्‍हें जल्‍द से जल्‍द डॉक्‍टर से परामर्श लेना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि पुरुषों के बारे में एक विपरीत क्षेत्र के बारे में सोचना बंद करना, उन्हें अपने परिसरों के साथ सामान्य लोगों के रूप में लेना, समस्याएं सबसे पहले, संचार में दूरी रखें, और फिर धीरे-धीरे उन्हें अपने कम्फर्ट जोन में डाल दें।

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