हेल्थ कार्नर :- मानसून में उमस बढ़ने से त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए शरीर की साफ-सफाई बहुत जरूरी है। एंटीसेप्टिक का प्रयोग करना लाभदायक हो सकता है।
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घमोरिया होने पर
घमोरिया में लाल रंग के दाने निकल जाता है जो पसीने से उत्पन्न होते हैं। जिससे शरीर के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। इसके उपचार के लिए ढीले सूती कपड़े पहनना चाहिए और खुजली होने पर कैलेमाइन लोशन या घमोरियां पाउडर का प्रयोग चाहिए।
नाखूनों का सफेद हो जाना
जाना नाखून का रंग उड़ जाना, नाखूनों का कांतिहीन होना और खुजली होना आदि संक्रमण के लक्षण हैं हाथ पैरों के नाखून बढ़ाने नहीं चाहिए नाखून बढ़ाने स उनमें गंदगी इकट्ठी हो जाती है जो संक्रमण का कारण होता है।
त्वचा के रोग
बरसात में होने वाले त्वचा के रोगों से छुटकारा पाने के लिए एलोवेरा लाभकारी हो सकता है। एलोवेरा में एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा चने के आटे में गुलाबजल और दूध का मिश्रण बनाकर स्किन पर लगाना चाहिए जो बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं
पेरों में दर्द
एड़ीयों का फट जाना मानसून में आम बात हैं इसके उपकार के लिए प्लास्टिक या चमड़े के जूते नहीं पहने चाहिए। इसकी वजह चप्पल पहन चाहिए और जुराब साफ सुथरी होनी चाहिए। पैरों में सरसों का तेल लगाना चाहिए ओर ग्रीस या वेसलीन लगाये।