मार्गशीर्ष के महीने को अगहन माह भी कहा जाता है। यह मह भगवान श्री कृष्ण को बहुत प्रिय माह है, शास्त्रों के अनुसार इस माह में शंख की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। कान्हा जी की पूजा से कुछ चमत्कारी शक्तियां प्राप्त होती है। अगहन के महीने में श्री कृष्ण का ध्यान और उपासना सच्चे मन से करने पर सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही अमोघ फल प्राप्त होता है। इन दिनों प्रतिदिन गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। इस पूरे महीने भर में मनुष्य पूरे विधि-विधान से श्री कृष्ण का ध्यान, जप-तप, व्रत-उपवास आदि करता है तो उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस महीने कुछ वस्तुओं का प्रयोग करने की शास्त्रों में मनाही है। स्कंद पुराण के अनुसार श्री कृष्ण और राधा की कृपा पाने वाले मनुष्य को मार्गशीर्ष माह में व्रत, उपवास व निरंतर भजन, कीर्तन आदि करते रहना चाहिए। इसके साथ ही शाम के समय यानी संध्या काल में श्री कृष्ण और राधा की आराधना के साथ-साथ विष्णु जी और शिव जी के भजन-कीर्तन भी अवश्य करना चाहिए।
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1. इस महीने में सांवले सलौने भगवान श्री कृष्ण की उपासना करना और पवित्र नदियों, तट या सरोवर में स्नान करना बहुत ही शुभकारी होता है।
2. जिन लोगों को संतान प्राप्त नहीं हैं वे लोग इस माह में भगवान श्री कृष्ण की आराधना कर संतान प्राप्त कर सकते हैं। श्री कृष्ण की आराधना करने मात्र से आपको संतान प्राप्ति का वरदान बहुत सरलता से प्राप्त हो सकता है।
3. मार्गशीर्ष यानी अगहन माह में भजन व श्री कृष्ण के कीर्तन करने से कभी खत्म ना होने वाले फल की प्राप्ति होती है, पाठ करने से अमोघ फल मिलता है।
4. इस महीने में किए गए मंगल कार्य बहुत लाभदायक होते हैं और विशेष फलदायी भी होते हैं।
5. चंद्रमा से अमृत तत्व की प्राप्ति के लिए इस माह में पूरे मन से श्री कृष्ण की आराधना करना चाहिए।
6. इस महीने कृष्ण मंत्रों, आरती, चालीसा, श्लोक, स्तुति आदि का पाठ करना चाहिए, विशेष फलदायी होता है।
7. इस महीने गौ सेवा अवश्य करनी चाहिए। गायों की सेवा और उनकी उचित देखरेख करने से भी कृष्ण प्रसन्न होते है।
8. इस महीने कृष्ण मंदिरों में गाय के शुद्ध घी का दीया जरुर जलाना चाहिए।