सप्ताह के अलग अलग दिनों की तरह ही हर ग्रह के होते हैं अलग देव, जानें प्रसन्न करने का तरीका

सप्ताह के अलग अलग दिनों की तरह ही हर ग्रह के होते हैं अलग देव, जानें प्रसन्न करने का तरीका

लाइव हिंदी खबर :-सनातन धर्म यानि हिन्दुओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिन अलग अलग देवताओं के लिए उपवास का विधान है। सनातन धर्म में 33 कोटी देवी-देवताओं को माना गया है ओर उनका पूजन किया जाता है। यह पूजाएं अलग् अलग देवी देवताओं को प्रसन्न करने या ज्योतिष में ग्रहों की शांति के लिए उन ग्रहों के कारक देवताओं की जाती है।

इसके अलावा शास्त्रों में मनोकामनाएं पूरी करने के लिए अनेक भी कई उपाय बताए गए हैं। इन्हीं सब के चलते सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग देवताओं के पूजन का विधान बताया गया है, माना जाता है कि इनसे मनचाहे फल की प्राप्ति संभव होती है। ऐसे में एक विशिष्ट दिन एक विशिष्ट देवता की पूजा करने से बहुत सी समस्याओं का हल होता है।

आइये जानते सप्ताह के अनुसार देवों की पूजा और उसका महत्व…

1. सोमवार: सोमवार को भगवान शिव शंकर का दिन माना जाता है। वहीं ज्योतिष में ये दिन चंद्र का व इस दिन के कारक देव महादेव माने गए हैं। भगवान शिव देवों के देव हैं और हर भक्त की मनोकामना पूरी करते है। शिव जी की पूजा करने से मान और सम्मान दोनों मिलता है। खास करके कुंवारी कन्या द्वारा सोलह सोमवान अच्छे जीवनसाथी के लिए पूजा करती है। वहीं ज्योतिष में चंद्र की या राहु की समस्या के निदान में इस भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन सफेद रंग का खास महत्व है।

2. मंगलवार: श्री हनुमान जी का जन्म मंगलवार को माना जाता है, वहीं ज्योतिष में मंगल को पराक्रम का कारक व देव सेनापति का दर्जा प्राप्त है। जबकि हनुमान जी को बल व बुद्धि का देव माना जाता है, ऐसे में इस दिन यानि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि मंगलवार का व्रत रखने से जीवन में कभी भी अमंगल प्रवेश नहीं करता है। इस दिन गुड़, चना, और लड्डू का भोग लगाने से और लाल रंग का कपड़ा पहनने से मंगल के दोष से छुटकारा मिलता है। शक्ति का दिन होने के कारण इस दिन मां भगवती की पूजा का भी विधान है।

3. बुधवार: हिन्दू धर्म के अनुसार बुधवार का दिन सभी सुखों का मूल बुद्धि के दाता भगवान श्री गणेश और बुध ग्रह की उपासना का दिन है। इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए साथ ही मूंग दाल, घी का दान करना चाहिए। बुधवार को श्री गणेश पूजा का बैचेनी, व्यग्रता और कष्टों से निजात पाने के लिए विशेष महत्व है।

4. बृहस्पतिवार: गुरुवार यानि बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु और उनके अवतारों को समर्पित है। वहीं चुंकि यह ग्रह विद्या का भी कारक है अत: इस दिन देवी मां सरस्वती की पूजा का भी विधान है। बृहस्पतिवार का दिन बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करने के लिए एक अच्छा दिन है, इसे देवों का गुरु यानि देवगुरु भी कहा जाता है, यही वजह है कि कुछ स्थानों पर बृहस्पतिवार को गुरुवार भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है। केले के पत्ते को अधिक महत्व दिया गया है क्योंकि केले का पेड़ भगवान विष्णु का वास स्थान बताया जाता है। इस दिन पीले कपड़े पहनने चाहिए और गुड़, चना दाल, केला, और पीला फूल से पूजा की जाती है। वहीं वे जो विद्या अर्जन कर रहे हैं उन्हें इस दिन श्वेत वस्त्र पहन कर मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए।

5. शुक्रवार: शुक्रवार का दिन महालक्ष्मी, संतोषी माता, वैभव लक्ष्मी और शुक्र ग्रह का दिन है। ज्योतिष में यह भाग्य का कारक ग्रह है। माना जााता है कि इस दिन धन धान्य की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर धन से भर जाता है। इस दिन गुलाबी कपड़े पहनने चाहिए।

6. शनिवार: शनिवार न्याय के देवता शनि देव का दिन है। इसके साथ ही इसे देवी मां काली का दिन भी माना जाता है। शनिवार की पूजा करके शनि ग्रह को शांत किया जाता है। शनिवार अकाल मृत्यु का निवारण करने वाला है, इस दिन शनिदेव के साथ ही भगवान रुद्र की पूजा करें। इस दिन काला कपड़ा पहनना चाहिए। इसके अतिरिक्त शनि दोष से छुटकारे के लिए इस दिन बजरंगबली की पूजा का भी विधान है।

7. रविवार: रविवार को सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस दिन को सूर्य देव का वार भी कहा जाता है। इस व्रत के दिन घी-तेल, और नमक से परहेज करना होता है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से इंसान का तेज बढ़ता है। इस दिन सूर्यनारायण की आरती करने और केसरिया रंग के कपड़े पहनने से लाभ मिलता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top