लाइव हिंदी खबर :- वास्तु का आज के दौर में बहुत अधिक महत्व माना जाता है। घर, ऑफिस हर जगह वास्तु के अनुसार दिशाओं व सामान या कोई भी चीज का ख्याल रखा जाता है। कहा जाता है कि वास्तु के अनुसार अगर कार्य किये जाये तो व्यक्ति की आधी समस्या का समाधान हो जाये। लेकिन हम बहुत सी जगहों पर कुछ छोटी-छोटी गलतियां कर देते हैं। जैसे सीढ़ियां, कोई भी व्यक्ति अगर सीढ़ियों की दिशा या उसकी बनावट सही तरीके से करे तो वह तरक्कियों को पा सकता है।
वास्तु के अनुसार अगर सीढ़ियों की दिशा सही नहीं है तो चोर-उचक्कों का भय, व्यापार में हानि और कर्जदार होने की नौबत आ सकती है। कहा जाता है कि अगर सीढ़ियां सही दिशा में नहीं है या उसकी बनावट सही दिशा में नही है तो घर का मुखिया हमेशा परेशान रहता है और उसे आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है। तो आइए जानते हैं कैसी होनी चाहिये घर की सीढ़ियां….
1. सीढ़ियों की दिशा:
सीढ़ियों की दिशा हमेशा दक्षिण, पश्चिम या नैऋत्य कोण में होना चाहिये। यह दिशायें खासकर सीढ़ियों की दिशा ही मानी जाती है। वास्तु के अनुसार ये दिशायें बहुत अच्छी होती है।
वहीं उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सीढ़ियां भूलकर भी नहीं बनानी चाहिये। इस दिशा में सीढ़ियों का निर्माण आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य हानि, नौकरी और व्यवसाय में समस्यायें लेकर आता है। इस दिशा में सीढ़ी का होना अवनति का प्रतीक माना गया है।
2. हमेशा इस तरह रखें सीढ़ियां:
वास्तु के अनुसार, हमेशा सीढ़ियां पत्थर या लकड़ी की होनी चाहिये। वैसे सामान्य तौर पर सीढ़िया लकड़ी, पत्थर, सीमेंट या लोहे की होती है।
3. सीढ़ियों की बनावट:
वास्तुशास्त्र के अनुसार, सीढ़ियों का हर एक पायदान हमेशा बराबर होना चाहिए। कभी भी सीढ़ियों के किनारे टूटे-फूटे नहीं होना चाहिए। ध्यान रहे कि लोहे या धातु के फ्रेम कभी सीढ़ियों में नहीं लगाने चाहिए।
4. विषम संख्या में रखें सीढ़ियां:
सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम संख्या में होनी चाहिये। कभी सम संख्या में सीढ़ियां ना रखें। जैसे- 3, 5, 7, 9, 11, 13, 15, 17, 23, 29 आदि। इस संख्याओं में सीढ़ियां होनी चाहिये।
5. दक्षिणावर्ती रखें सीढ़ियों का घुमाव:
हमेशा सीढ़ियों का घुमाव बाएं से दाएं हाथ की तरफ होना चाहिये। वास्तु के अनुसार सीढ़ियां हमेशा दक्षिणावर्ती घुमाव होना चाहिये।