लाइव हिंदी खबर :- शनि कुंडली में स्थित 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है। इन प्रभावों का असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर पड़ता है। ज्योतिष में शनि को एक क्रूर ग्रह माना गया है। ज्योतिष में ये भी बताया गया है कि अगर कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में रहता है तो जातकों को इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं।
यदि किसी जातक के ऊपर शनि की ढैया या साढ़ेसाती चल रहा है तो डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि शनि की ढैया या साढ़ेसाती का फल कई बातों पर निर्भर करता है। ज्योतिष के अनुसार, जन्म कुंडली में शनि की चंद्र से दूरी कितनी है, जन्म कुंडली में शनि की स्थिति क्या है, इन सब बातों पर भी निर्भर करता है।
इसके अलावे कुंडली और गोचर में ग्रहों की तुलनात्नक स्थिति क्या है। ये सब जानने के बाद ही शनि की ढैया और साढ़ेसाती विचार करना चाहिए। कुछ लोग तो शनि की ढैया और साढ़ेसाती के नाम सुनते ही डरने लगते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आपकी कुंडली में शनि की ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव है तो डरने की जरूरत नहीं है, आज हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं, जिसे करके आप शनि को शांत कर सकते हैं…
शनि को शांति करने के उपाय
शनि को शांति करने के लिए महामृत्युंजय और शनि मंत्र का जप करें।
काली चालीसा, श्रीदुर्गा सप्तशती का अर्गला स्तोत्र का पाठ करें।
कुंडली दिखाकर नीलम धारण करें।
हर शनिवार को छाया दान करें।
तिल, उड़द, लोहा, तेल, काले वस्त्र, आदि का दान करें।
शनि चालीसा, शनि स्तोत्र का पाठ करें।
हर दिन सात या तीन बार हनुमान चालीसा पढ़ें।
हो सके तो सुंदरकांड का भी पाठ करें।
हनुमान जी की काले तिलों से पूजा करें।
शनि मंत्र से पहले हनुमान जी का मंत्र पढ़ें।