लाइव हिंदी खबर :- हमारे शरीर में पांच ज्ञानेन्द्रियाँ हैं आंख, कान, नाक त्वचा और जीभ। हमेशा स्वस्थ रहने के लिए समय-समय पर इनकी सही देखभाल और साफ-सफाई का ध्यान भी रखना पड़ता हैं। आंख, कान, नाक व त्वचा के साथ ही जीभ भी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसे रसना भी कहा जाता हैं। चीजों का स्वाद पता करने के लिए जीभ का इस्तेमाल किया जाता हैं।
जीभ पर कई प्रकार के संवेदनशील स्थान होते हैं जिन पर किसी चीज के पड़ने पर उसके टेस्ट का पता चल जाता है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर की छोटी से छोटी बीमारी का पता हम अपनी जीभ से लगा सकते हैं। यानी जीभ का रंग और नमी के आधार पर हम अपने स्वास्थ्य की जानकारी हासिल कर सकते हैं। उम्रभर स्वस्थ रहने के लिए रात का भोजन करने के बाद जीभ की अच्छे से सफाई जरूर करना चाहिए, लंबे समय तक ऐसा न करने पर कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं, तो आइए जानते हैं।
1. जीभ की सफाई न करने से इस पर सफेद कलर की पपड़ी जमने लग जाती हैं। जिसके कारण मुंह के छाले उत्पन्न हो सकते हैं।
2. जीभ पर जमी हुई सफेद रंग यह पपड़ी मुंह में दुर्गंध को पैदा करती हैं। इससे जीभ पर हानिकारक बैक्टीरिया उत्पन्न होने लगते हैं जो मुंह की दुर्गंध को बढ़ाते हैं।
3. रात का भोजन करने के बाद जीभ की सफाई न करने पर दांतों पर बुरा असर पड़ सकता हैं। जीभ के बैक्टीरिया दांतों में सड़न पैदा करते हैं और दांतों को कमजोर बना देते हैं।
4. लंबे समय तक जीभ की सफाई न करने पर जीभ के स्वाद तन्तुओं पर बुरा असर पड़ता हैं जिसके कारण ठंडी, गर्म और तीखी व मीठी चीजों का टेस्ट पता कर पाना मुश्किल हो सकता हैं।
5. जीभ पर लकीरे उत्पन्न होना या जीभ के कठोर होने पर शरीर में वात-पित्त दोष उत्पन्न हो सकते हैं। इससे पेट फूलना, पेट में कीड़े, पेट दर्द करना, एसिडीटी, कब्ज, जिमचलने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
6. अगर जीभ छूने पर गर्म लगे या जीभ पर लाल रंग के चकते हो तो इससे शरीर मे वात, पित्त और कफ रोग हो सकते हैं। गले में खरास, जोड़ो में दर्द, सिर दर्द, माइग्रेन, गाउट की बीमारी आदि हो सकते हैं।