लाइव हिंदी खबर :- संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान पाकिस्तान, चीन, ईरान और रूस ने अफगानिस्तान में किसी भी विदेशी एयरवेज की स्थापना का कड़ा विरोध किया है। चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने बैठक कर अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की अपील की है। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस को अमेरिका को वापस देने की मांग की है। ये वही एयरवेज है जिसे अमेरिका ने 2001 में 9/11 हमले के बाद रणनीतिक ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल किया था।

ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि अफगानिस्तान ने उनकी बात नहीं मानी, तो इसके गम्भीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होने कहा कि बगराम एयरबेस बेहद अहम है, क्योंकि यह चीन की परमाणु हथियार सुविधाओं से मात्र 1 घंटे की दूरी पर है। ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन के कार्यकाल में बगराम को छोड़ने के फैसले को एक बड़ी असफलता बताया। उनका कहना है कि इससे अमेरिका की रणनीति स्थिति कमजोर हुई है।
हालांकि अफगानिस्तान ने अपनी धरती पर किसी भी विदेशी सैनिक की उपस्थिति से इनकार कर दिया है। अफगान विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जाकिर जलाल ने साफ कहा कि अफगानिस्तान और अमेरिका के बीच बातचीत हो सकती है, लेकिन अफगान जमीन पर अमेरिकी सैन्य मौजूदगी स्वीकार नहीं होगी। अफगानिस्तान का भू-राजनीतिक महत्व बहुत बड़ा है। यही कारण है कि बगराम एयरवेज पर फिर से अमेरिकी दावा सामने आने के बाद क्षेत्रीय देशों ने एक साथ विरोध जताया है।