लाइव हिंदी खबर :- भारतीय वेदांत और योग के सिद्धांतों को विश्व स्तर पर प्रचारित करने वाले ब्राजील में जन्मे वेदांताचार्य और योग शिक्षक जोनास मसेटी, जिन्हें उनके अनुयायी आचार्य विश्वनाथ के नाम से जानते हैं, ने हाल ही में अपने संस्कृत मंत्रोच्चारण से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी आवाज़ में भक्ति और ज्ञान का संगम देखकर लोग आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठे। आचार्य विश्वनाथ ने वेदांत दर्शन, आत्मज्ञान और योग के माध्यम से जीवन में संतुलन लाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान और साधना का उद्देश्य जीवन को सरल, शांत और सार्थक बनाना है।

उनके शिष्य गैब्रियल बुज़ोन, जिन्हें वैदिक नाम भास्कर से जाना जाता है, ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं योग और वैदिक संस्कृति को गहराई से समझना चाहता था। धीरे-धीरे मुझे एहसास हुआ कि यह दर्शन मेरे दैनिक जीवन में बहुत सहायक है। जो बात मुझे वास्तव में जोड़ती है, वह इसकी स्पष्टता और आत्मबोध है। जैसे किसी खोज में आप भटक रहे हों और अचानक वही मिल जाए जिसकी तलाश थी, मेरे साथ भी वैसा ही हुआ।

वहीं, उनके पुराने मित्र और अनुयायी एडगार्ड टेक्को, जिन्हें व्यास के नाम से जाना जाता है, उन्होने बताया कि मैं आचार्य विश्वनाथ का 20 वर्षों से मित्र हूं। हम तब भी मित्र थे जब उन्होंने वेदांत का अध्ययन शुरू नहीं किया था। उनकी शिक्षण यात्रा के प्रारंभिक दौर में मैंने उनके कुछ क्लासेस में भाग लिया, लेकिन बाद में उन्हें भारत जाना पड़ा।

जहाँ उन्होंने स्वामी दयानंद आश्रम में तीन वर्षीय वेदांत कोर्स पूरा किया। आचार्य विश्वनाथ के प्रयासों ने ब्राजील में भारतीय योग, वेदांत और संस्कृत संस्कृति को नई पहचान दिलाई है। यह भारत-ब्राजील के सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम माना जा रहा है।