लाइव हिंदी खबर :- हेल्थ कार्नर :- गिलोय एक तरह की बेल बेल होता है, जिसके पत्ते पान के पत्तों की तरह दिखाई देते हैं। गिलोय का सेवन करने से हमारा इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होता है। और शरीर बीमारियों से बचा रहता हैं। आयुर्वेद में गिलोय का प्रयोग बुखार होने पर किया जाता है।
बुखार कि यह एक रामबाण औषधि के रूप में माना जाता हैं। पान के आकार की इसकी पत्तियां होने के कारण इसको आसानी से पहचाना जा सकता हैं। गिलोय को चिकनगुनिया, डेंगू या साधरण बुखार की रामबाण औषधि माना जा सकता हैं। तो आईए जानते हैं इसके कुछ गुणों के बारे में।
1. गिलोय में एंटीआक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हमारे शरीर की फ्री रेडिकल्स से रक्षा करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता हैं।
2. यह शरीर को ठंडा बनाए रखता है, जिससे बुखार को कम करने में मदद मिलती हैं।
3. क्रोनिक फीवर जैसे डेंगू और चिकनगुनिया, मलेरिया आदि के लिए भी यह एक प्रभावी औषधि हैं।
4. गिलोय का सेवन करने से वाइट ब्लड सेल्स को रेगुलेट करने में मदद मिलती हैं। गिलोय में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी और अलकालाइन गुण पाचन क्रिया में मदद करते हैं।
5. गिलोय अर्थराइटिस और अस्थमा के उपचार एवं टाइप 2 डायबिटीज के लिए ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करता हैं।