लाइव हिंदी खबर :- G20 समिट के पहले दिन एक बड़ा फैसला देखने को मिला। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बायकॉट के बावजूद सभी सदस्य देशों ने साउथ अफ्रीका द्वारा तैयार किए गए G20 घोषणापत्र को सर्वसम्मति से मंजूर कर लिया। अमेरिकी प्रतिनिधि के न आने के बावजूद बाकी 19 देशों ने यह संदेश दिया कि वैश्विक हितों के मुद्दों पर सहमति जरूरी है।

साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि यह जरूरी था कि सभी देश अंतिम बयान पर सहमत हों, भले ही अमेरिका ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। समिट के दौरान ट्रम्प ने कहा था कि वे आखिरी सेशन में अपनी जगह एक अमेरिकी अधिकारी को भेजेंगे ताकि 2026 की G20 मेजबानी औपचारिक रूप से अमेरिका को सौंपी जा सके।
हालांकि दक्षिण अफ्रीकी अध्यक्षता ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जब G20 का नेतृत्व पाने वाला देश समिट में मौजूद ही नहीं है, तो औपचारिक तौर पर मेजबानी सौंपना संभव नहीं है। इसके बाद फैसला हुआ कि साउथ अफ्रीका आज समिट के अंतिम सेशन में अगली G20 अध्यक्षता को प्रतीकात्मक रूप से खाली कुर्सी को सौंपेगा, जो अमेरिका की अनुपस्थिति को दर्शाएगा। ट्रम्प के बायकॉट ने इस समिट में कई तरह के राजनीतिक संकेत छोड़े हैं।
एक ओर जहां वे दक्षिण अफ्रीका में गोरे किसानों पर अत्याचार का हवाला देकर समिट में शामिल नहीं हुए, वहीं दूसरी ओर यह कदम अमेरिका की वैश्विक बैठकों में भागीदारी पर सवाल खड़े करता है। इसके बावजूद समिट में भारत, यूरोपीय यूनियन, जापान, ब्राजील, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया सहित सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने सामूहिक रूप से घोषणापत्र को मंजूरी देकर यह दिखाया कि वैश्विक एजेंडा ट्रम्प की गैरमौजूदगी में भी आगे बढ़ सकता है।