लाइव हिंदी खबर :-ज्योतिष में शुक्र को भाग्य का कारक ग्रह माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, शुक्र ग्रह असुरों के गुरू हैं इसलिए इन्हें शुक्राचार्य भी कहा जाता है। भागवत पुराण में लिखा गया है कि शुक्र महर्षि भृगु ऋषि के पुत्र हैं और बचपन में इन्हें कवि या भार्गव नाम से भी जाना जाता था। शुक्र का रत्न हीरा व इस दिन की कारक देवी मां लक्ष्मी को माना गया है।
शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी होता है और मीन इसकी उच्च राशि है, जबकि कन्या इसकी नीच राशि कहलाती है। शुक्र को 27 नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। ग्रहों में बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह हैं और तथा सूर्य और चंद्रमा इसके शत्रु ग्रह माने जाते हैं। शुक्र का गोचर 23 दिन की अवधि का होता है अर्थात शुक्र एक राशि में क़रीब 23 दिन तक रहता है।
पंडित सुनील शर्मा के मुताबिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र हमारे जीवन में स्त्री, वाहन और धन सुख को प्रभावित करता है। यह एक स्त्री ग्रह है। माना जाता है कि इसका शुभ प्रभाव के कारण जातक ऐश्वर्य को प्राप्त करता है। शुक्रवार की प्रकृति मृदु है। ज्योतिष में शुक्र ग्रह जन्म कुंडली में स्थित 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है।
इन प्रभावों का असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर पड़ता है। इसके अतिरिक्त शुक्र एक शुभ ग्रह है, परंतु यदि शुक्र कुंडली में मजबूत होता है तो जातकों को इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं जबकि कमज़ोर होने पर यह अशुभ फल देता है।
यह दिन एक ओर जहां लक्ष्मी का दिन है वहीं दूसरी ओर मां काली का भी है। इसके अलावा यह दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य का दिन भी है। पंडित शर्मा के अनुसार ऐसे में इस दिन जहां कुछ कार्य वर्जित माने जाते हैं, वहीं कुछ कार्यों को शुभ माना जाता है।
ये करें : Do It
1. लाल चंदन लगाएं।
2. पूर्व, उत्तर और ईशान में यात्रा कर सकते हैं।
3. नृत्य, कला, गायन, संगीत आदि रचनात्मक कार्य की शुरुआत की जा सकती है।
4. आभूषण, श्रृंगार, सुगंधित पदार्थ, वस्त्र, वाहन, चांदी आदि के क्रय-विक्रय के लिए उचित दिन।
5. सुखोपभोग के लिए भी यह दिन शुभ होता है।
6. इस दिन आप पानी में उचित मात्रा में दही और फिटकरी मिलाकर स्नान करें और शरीर पर सुगंधित इत्र लगाएं।
7. रात को सोने से पहले अपने दांत फिटकरी से साफ करें या उसके पानी का कुल्ला करें।7. लक्ष्मी की उपासना करें, खीर पीएं और 5 कन्याओं को पिलाएं।
8. दो मोती लेकर एक पानी में बहा दें और एक जिंदगीभर अपने पास रखें।
8. शीघ्रपतन, प्रमेह रोग के रोगियों को शुक्रवार के दिन उपवास रखना चाहिए, क्योंकि यह दिन ओज, तेजस्विता, शौर्य, सौन्दर्यवर्धक और शुक्रवर्धक होता है।
ये कार्य ना करें : Don’t do
1. इस दिन खट्टा न खाएं तो आपके साथ अच्छा ही होगा।
2. किसी भी प्रकार से शरीर पर गंदगी न रखें अन्यथा आकस्मिक घटना-दुर्घटना हो सकती है।
3. पिशाची या निशाचरों के कर्म से दूर रहें।
4. नैऋत्य, पश्चिम और दक्षिण में यात्रा न करें।
5. शुक्रवार ही नहीं सभी दिन किसी भी महिला का अपमान न करें।