लाइव हिंदी खबर :-शनिवार के दिन शनिदेव के निमित्त पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। इस साल शनि देव ने राशि परिवर्तन किया है और मकर राशि में प्रवेश किया है। मकर राशि में प्रवेश करने पर कुंभ राशि वालों को साढ़ेसाती लग गई है और तुला व मिथुन राशि के जातकों को ढैय्या लग चुकी है। वहीं लाल किताब के अनुसार शनि देव को प्रसन्न करने व उनके प्रकोप को कम करने के लिये ये उपाय आपके लिये बहुत फायदेमंद रहेंगे। आइए जानते हैं क्या करें उपाय…
शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि अगर किसी की कुंडली में शनि देव शुभ होते हैं तो वह व्यक्ति को राजपद या राजसुख प्राप्त करवाते हैं। लेकिन अगर अशुभ होते हैं तो शनि के बुरे प्रभावों का सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसे लोगों को शनिवार के दिन 3 कार्य नहीं करना चाहिये। आइए जानते हैं कौन से हैं वो तिन काम…
1. शनि की दशा में लगातार 11 शनिवार तक पीपल के पेड़ में शाम को जल चढ़ाएं और तिल के तेल का दीपक जलाएं, लाभ मिलेगा।
2. शनिवार के दिन भैरव महाराज के निमित्त व्रत करें और भैरव मंदिर जातक उन्हें शराब चढ़ाएं।
3. शनिवार के दिन विशेषकर कौवे को रोटी खिलाना चाहिये। कौवे को रोटी के अलावा भी कुछ खिला सकते हैं, जो कि कौवा खाता है।
4. अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें और उन्हें किसी भी प्रकार का दान दें। हो सके तो जूता दान करें।
5. शनिवार के दिन एक कांसे का कटोरा लें, उसमें सरसों का तेल व सिक्का डाले। इसके बाद उसमें अपनी परछाई देखें और तेल किसी को दान कर दें। ऐसा लगातार पांच शनिवार को करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
लाल किताब कुंडली में शनि ग्रह अगर पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में हो तो अशुभ फल देते हैं। इसलिये अगर आपके शनि भी अशुभ स्थान पर हैं तो भूलकर भी ये काम ना करें वरना शनि आपको दण्ड देंगे।
– जुआ-सट्टा ना खेलें
– शराब ना पिये और ना ही निर्दोष लोगों को सतायें।
– ब्याजखोरी और झूठी गवाही बिलकुल भी ना दें, शनिदेव को पसंद नहीं है।
– किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई का ना करें और नाही अपने बड़ो व गुरु का अपमान करें।
– इसके अलावा भैंस या भैसों को मारना, साँप, कुत्ते और कौवों को सताना बहुत गलत बात है, शनि देव इससे नाराज होते हैं।