लाइव हिंदी खबर :-शनि ने 30 साल बाद अपनी राशि मकर में प्रवेश किया है। शनि के इस राशि परिवर्तन के कारण कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरु हो चुकी है और तुला राशि व मिथुन राशि वालों की शनि की ढैय्या प्रारंभ हो चुकी है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दैरान सभी राशि वालों को डरने की जरुरत नहीं है इस दौरान कुछ राशि वालों को शुभ परिणाम मिलेंगे और कुछ राशि वालों को इसके बेहद खतरनाक परिणाम देखने को मिलेंगे। आइए जानते हैं शनि के दुष्प्रभावों से बचने के 6 अचूक उपाय….
तेल में देखें अपनी छाया
शनिवार के दिन सुबह उठकर स्नान करें और फिर एक कटोरी में तेल भरें और उसमें अपना चेहरा देखें। अपना चेहरा देखने के बाद उस तेल को शनिवार के दिन गरीब या किसी जरुरतमंद को दान करें। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
पीपल के पास जलायें दिया
अगर आपकी शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो प्रतिदिन या खासकर शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के पास दिया जलायें। इससे शनिदेव की विशेष कृपा आप पर बनी रहती है और शनि के महादोष खत्म होते हैं।
शनि मंत्रों का 108 बार जप करें
शनि की साढ़ेसाती के दौरान शनि मंत्र का जप करना बहुत लाभदायक रहता है। इसलिये शनि की साढ़ेसाती के दौरान रुद्राक्ष की माला लेकर एक सौ आठ बार ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जप करें। इससे मानसिक शांति के साथ-साथ शनिदेव की कृपा बनी रहेगी।
नियमित करें हनुमान चालीसा का पाठ
शास्त्रों में कछा मिलती है जिसके अनुसार एक बाह शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि, जो हनुमान जी की पूजा करेगा उसे शनिदेव कभी परेशान नहीं करेंगे। इसलिये प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
शनिदेव को चढ़ाएं फूल
शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करें और उन्हें नीले रंग का फूल चढ़ायें। इसके साथ ही शनिदेव के कष्टों से मुक्ति पानी है तो शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करें और गरीबों की सहायता करें।
भूलकर भी जानवरों को ना मारें
काले कुत्ते, चींटी और काली मछली को भाजन करायें, वही कुछ लोगों की आदत होती है जानवरों को मारने की तो एक बात हमेशा याद रखें की जानवरों को मारने वाले व्यक्ति से शनिदेव नाराज हो जाते हैं। इसलिये कभी भी जानवरों को ना मारें।