लाइव हिंदी खबर :-सूर्य का जब भी मीन राशि में प्रवेश होता है, तब मलमास लगता है। मलमास को खरमास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है।
शास्त्रों के अनुसार इस एक माह में भगवान श्री हरी की पूजा आराधना करने से भक्तों को बहुत लाभ मिलता है। लेकिन इस माह में पूजा पाठ के अलावा बाकी कई चीजों को करने की मनाही है। तो आइए जानते हैं क्या करें और क्या ना करें इस पूरे एक महीने…
मलमास में करें ये 3 खास काम
1. हिन्दू धर्म में कुछ महीने ऐसे भी होते हैं जिनमें शुभ कार्य वर्जित होते हैं। उनमें से मलमास भी एक माह है। लेकिन इस माह में दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जात है, इसलिये मलमास या खरमास के महीने में भी दान जरूर करें।
2. भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है इसलिये मलमास के महीने में पीले वस्त्रों का दान करें, बेहद शुभ माना जाता है। आप इस महीने पीले वस्तु या वस्त्र का दान कर सकते हैं।
2. मलमान के महीने में तुलसी पूजन का बहुत अधिक महत्व है। इस महीने में तुलसी के पास दीपक लगाएं और इसके साथ ही “ॐ वासुदेवाय नम:” मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप करने के बाद तुलसी की 11 परिक्रमा करें।
3. मलमास के महीने में वैसे तो किसी पवित्र कुंड या नदी में नहाने की प्रथा चली आ रही है। लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं है तो आप अपने घर के पानी में गंगाजल मिलाकर उसी पानी से स्नान जरूर करें। कोशिश करें कि मलमास के महीने में आप ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें।
मलमास में ना करें ये काम
– मलमास को मलिन मास माना जाता है। इसलिये इस महीने में मंगलिक कार्य जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं करवाने चाहिये।
– मलमास के महीने में कोई भी सरकारी काम नहीं करने चाहिये।
– अगर आप कोई पदभार ग्रहण करने वाले हैं तो मलमास में ना करें, आपत्ति काल में ग्रहण कर सकते हैं।
– इस दौरान कोई नई साझेदारी नहीं करनी चाहिये।
– शुभ-मांगलिक कार्य व वृद्धिकारक कार्य के लिए अशुभ माने जाते हैं