लाइव हिंदी खबर :-भारत देश हमेशा से ही लोगों के बीच अपनी आध्यात्मिकता और संस्कृति के लिए जाना जाता है। दूर-दूर से पर्यटक यहां बने भव्य मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। भारत में बनी मंदिरों की बात करें तो कुछ इतनी विशाल हैं जिनकी कोई तुलना नहीं की जा सकती वहीँ कुछ छोटी होने के बाद भी श्रधालुओं के बीच इतनी प्रसिद्ध है कि यहां लम्बी कतारों में भगवान के दर्शन होते हैं। कुछ मंदिर तो ऐसे हैं जो प्राचीन इतिहास से के बने हुए हैं और जिनकी रचना आज भी रहस्यमय ही है। उन्हीं में से एक है भारत के उड़ीसा राज्य के संबलपुर में बनी मंदिर। ये मंदिर अपने अक्ष से झुका हुआ है। यहां आने वालों के लिए ये बड़े ही आश्चर्य की बात है कि इतनी भव्य मंदिर अपने अक्ष से पूरा झुका हुआ है।
कब हुआ था निर्माण
जिस जगह पर ये मंदिर बना है,वहां की जगह पथरीली है ऐसे में इस मंदिर का झुकना और भी आश्चर्य वाली बात है। इसके बाद भी इसका झुकना किसी अजूबे से कम नहीं है। इस अजूबे और रहस्यमयी मंदिर को देखने देश-भर से लोग यहां आते हैं। ये मंदिर उड़ीसा से करीब 23 किलोमीटर की दूरी परस्थित संबलपुर गांव के हुमा में महानदी के तट पर स्थित है। यहां के लोग कहते हैं कि इस मंदिर की स्थापना संबलपुर के चौहान वंश के राजा बलियार सिंह देव ने 1670 ई।में करवाया था।
क्या है कहानी
स्थानीय लोगों के बीच इस मंदिर को लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित है। जैसे कुछ लोगों का कहना है कि जब इस स्थान पर मंदिर नहीं था तब यहां प्रत्येक दिन एक गाय आकर अपने ही दूध से पत्थर पर अभिषेक किया करती थी। जब इस बात का पता गाय के मालिक को चला तो वो भी रोजाना यहां आकर पूजा करने लगा। उसको पूजा करते देख उस समय के राजा बलराम देव ने उस स्थान पर एक छोटा सा मंदिर बनवा दिया।
संबलपुर का ये शिव मंदिर चाहे जैसा भी हो यहां श्रधालुओं की भीड़ हमेशा ही रहती है। मंदिर अनेक शासकों के शासनकाल में पुनर्निर्मित किया गया। मंदिर परिसर में तीन मंदिर हैं और तीनों अलग-अलग दिशाओं में झुके हुए हैं।