लाइव हिंदी खबर :-हिंदू धर्म में पत्नी को अर्धांगिनी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, अगर पत्नी में कुछ गुण हो तो वो परिवार के लिए कल्याणकारी बन जाती है। गरुड़ पुराण में भी पत्नी के कुछ गुणों के बारे में बताया गया है। कहा जाता है कि गरुड़ पुराण में जिन गुणों के बारे में बताया गया है अगर वो गुण पत्नी में हो तो उस व्यक्ति को अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली समझना चाहिए।
आइये जानते हैं कि गरुड़ पुराण में पत्नी के गुणों के बारे में क्या बताया गया है…
गृह कार्यों में निपुण
गरुड़ पुराण के अनुसार, स्त्री को सभी कार्यों में निपुण होना चाहिए। अगर वह घर से बाहर जाकर काम करने में निपुण है तो उसे घर के भी सभी काम आने चाहिए। माना जाता है कि ये गुण जिस स्त्री में होता है, वह अपने पति और परिवार के लिए प्रिय होती है और समय के अनुसार अपने घर को संभाल लेती है।
संयमित भाषा
गरुड़ पुराण के अनुसार, संयमित भाषा ही रिश्तों में मिठास लाती है। माना जाता है कि स्त्री द्वारा मीठा व्यवहार घर की आधी परेशानियों को खत्म कर देता है। कहा जाता है कि अगर घर कि महिलाएं परिवार में संयमित भाषा का प्रयोग करती है तो परिवार में कभी भी परेशानी नहीं आती है और परिवार एकजुट रहता है। साथ ही संयमित भाषा का प्रयोग कर अपने प्रति परिवार का स्नेह भी निर्मित करती है।
पतिव्रता
बदलते वक्त में महिलाएं अब घर तक ही सीमित नहीं हैं। आज के दौर में महिलाएं घर के साथ-साथ बाहर के समाज के साथ कदम मिलाकर चल रही हैं। आज के दौर में महिलाओं को परिवार और पति की समस्याओं को समझना और समय के अनुसार साथ देना ही पतिव्रता धर्म माना जा रहा है।
धर्म का पालन
धर्म का पालन करना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हिंदू समाज में महिलाओं को लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है। माना जाता है कि घर की लक्ष्मी धर्म की रास्ते चलकर घर को मंदिर बना देती है, जिस कारण घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं रहती है।