लाइव हिंदी खबर :-बाजारों में छोटी बड़ी , महंगी सस्ती , रंग बिरंगी राखियां सज गई हैं , बहनों ने भाई के घर जाने की तैयारी शुरू कर दी है , भाइयो ने बहनों को दिए जाने वाले उपहार खरीद लिए हैं , सड़कों पर चहल पहल है और चेहरों पर रोनक , कच्चे धागे से स्नेह का एक अटूट नाता बांधने का पावन त्यौहार रक्षा बंधन एक बार फिर आने को है।
रक्षा बंधन के पर्व पर बात सिर्फ राखी या धागे की होती है, लेकिन इस मौके पर भाई के माथे पर तिलक लगाना, मिठाई खिलाना और आरती उतारना भी त्यौहार की कुछ महत्वपूर्ण रस्में हैं। इसके लिए बाजार में रक्षाबंधन की थाली भी उपलब्ध है, जिसमें राखी के अलावा तिलक के लिए अक्षत और चावल, सिर पर रखने के लिए कपड़ा, छोटा सा दीपक, कपूर और मुंह मीठा करने के लिए इलायची और मिसरी के पैकेट उपलब्ध हैं।
हालांकि यह अलग बात है कि भागदौड़ से भरी आज की तेज रफ्तार जिंदगी में बाजार जाने का टाइम कम से कम नौजवान पीढ़ी के पास तो बिलकुल नहीं है। अपनी जरूरत का हर सामान ऑनलाइन मंगवाने वाले आज के युवा राखी के त्यौहार के लिए जरूरी सामान भी ऑनलाइन मंगा सकते हैं।
हर मौके पर देश विदेश में सामग्री और पंडित उपलब्ध कराने की पहल करने वाले मंगलभवन.काम ने राखी के मौके पर बहनों के लिए विशेष थाली की व्यवस्था की है। इस विशेष थाली में रोली/कुमकुम, अक्षत रेशमी मौली/राखी, आरती का दिया, आरती कपूर, गंगाजल, नैवेद्य/मेवा और माचिस की व्यवस्था की गई है।
मंगल भवन.इन के निदेशक अमित जैन बताते हैं कि श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाए जाने वाले राखी के त्यौहार पर बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं। शास्त्रों में श्वेत चंदन , लाल चंदन , कुमकुम , भस्म आदि से तिलक लगाना शुभ माना गया है। तिलक के साथ चावल का प्रयोग किया जाता है, जिसका एक वैज्ञानिक कारण है। दरअसल दोनों भौहों के बीच का भाग अग्नि चक्र कहलाता है और वहां तिलक लगाने से पूरे शरीर में शक्ति का संचार होता है और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। इसके अलावा चावल को हवन में देवताओं को चढ़ाया जाने वाला शुद्ध अन्न माना जाता है।
उन्होंने बताया कि मंगल भवन सिर्फ एक क्लिक पर घर बैठे सभी मंगल कार्य , कोई भी पावन अवसर और हर प्रकार के त्यौहार की पूर्ण समाग्री उपलब्ध कराता है। सामग्री के अलावा विभिन्न मंगल कार्यों को पूरे विधि विधान के साथ पूरा कराने के लिए पंडित की भी व्यवस्था की जाती है।
जैन ने बताया कि पूजा विधि , हवन , अनुष्ठान समेत हरेक त्यौहार को पूरी श्रृद्धा के साथ मनाने के साथ ही गृह प्रवेश , बालक के जन्म , मुंडन , विवाह समेत विशेष निजी अवसरों पर पंडित जी को ऑनलाइन बुक करने की व्यवस्था की गई है। महज एक क्लिक में प्रकांड विद्धान पंडितों की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
संचार क्रांति के इस युग में दुनिया कंप्यूटर अथवा मोबाइल की स्क्रीन पर सिमटकर रह गई है। हजारों मील दूर बैठे लोग किसी भी अनुष्ठान के लिए सामग्री मंगाने के साथ ही वीडियो अथवा स्काइप के जरिए पूरे मंत्रोच्चार के साथ अपने मंगल कार्यों को पूरा कर सकते हैं।