लाइव हिंदी खबर :-ज्योतिष शास्त्र में नाम के पहले अक्षर का बहुत ही महत्व है। माना जाता है कि नाम के पहले अक्षर से ही उस व्यक्ति की राशि का पता चलता है। ज्योतिष के अनुसार, जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होता है, उसी राशि के अनुसार नाम का पहला अक्षर तय किया जाता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि राशि चक्र की पहली राशि मेष है। जिसके नाम के पहला अक्षर चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ से होता है, वे मेष राशि के होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस राशि के पुरुष कभी भी किसी द्वारा किया गया अपमान भूलते नहीं है। बताया जाता है कि इन्हें जैसे ही मौका मिलता है, अपने अपमान का बदला ले लेते हैं।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष राशि के पुरुष अपना अपमान मन में दबाकर रखते हैं और मौका मिलते ही उसका बदला ले लेते हैं। ऐसे में मेष राशि के जीवनसाथी या प्रमिका को कभी भी ऐसी कोई बात नहीं करनी चाहिए, जिससे उसे लगे कि उसका अपमान हो रहा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष राशि के स्वामी मंगल है। माना जाता है कि इस राशि के जातक आकर्षक होते हैं लेकिन इनका स्वभाव कुछ रुखा हो सकता है। इनके बारे में बताया जाता है कि मेष राशि के लोग किसी के दबाव में कार्य करना पसंद नहीं करते हैं।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस राशि के लोगों का चरित्र साफ-सुथरा और आदर्शवादी होता है और ये बहुमुखी प्रतिभा के स्वामी होते हैं। कहा जाता है कि ये अपनी कार्यशैली के कारण मान-सम्मान प्राप्त करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस राशि के लोग निर्णय लेने में जल्दबाजी करते हैं। साथ ही ये लोग जिस काम को अपने हाथ में ले लेते हैं, उसे पूरा करने के बाद ही छोड़ते हैं। इनके स्वभाव लालची नहीं होती है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष राशि के पुरुषों को कल्पना शक्ति बहुत अधिक होती है। ये लोग सोचते बहुत ज्यादा है। इन लोगों का स्वभाव जैसा होता है, सोचते है कि उसी स्वभाव की जीवनसाथी भी मिले। इस कारण कई बार ये धोखा भी खा जाते हैं। दूसरों की मदद करना इनकी सबसे बड़ी खासियत होती है।