लाइव हिंदी खबर :- उत्तर कोरिया के पूर्व औपचारिक राष्ट्रप्रमुख किम योंग नाम का 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सरकारी मीडिया के अनुसार, उनकी मृत्यु कई अंगों के फेल होने के कारण हुई। किम योंग नाम 1998 से अप्रैल 2019 तक देश की सुप्रीम पीपुल्स असेंबली की प्रेजिडियम के अध्यक्ष रहे, जो उत्तर कोरिया राष्ट्रप्रमुख का पद माना जाता है।

अपने कार्यकाल में वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का चेहरा बने और कई विदेशी नेताओं से मुलाकात की। किम जोंग उन ने उनके पार्थिव शरीर के पास जाकर श्रद्धांजलि दी और गहरा शोक व्यक्त किया। अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जाएगा। हालांकि किम योंग नाम का किम जोंग उन के परिवार से कोई संबंध नहीं था, लेकिन वे जीवनभर किम परिवार के प्रति वफादार रहे। इसी निष्ठा के कारण वे दो दशकों तक शीर्ष पद पर बने रहे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किम योंग नाम ने कोरियाई युद्ध (1950–53) के बाद सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया को जॉइन किया। वे 1978 में पोलित ब्यूरो सदस्य बने और 1983 में विदेश मंत्री बने। उन्होंने लगभग 15 वर्षों तक उत्तर कोरिया की विदेश नीति का नेतृत्व किया। सोवियत संघ के विघटन और अंतरराष्ट्रीय अलगाव के समय उन्होंने दुनिया के देशों के साथ संबंध बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे कई गैर-गठबंधन सम्मेलनों में शामिल हुए, जिनमें 2012 का ईरान सम्मेलन भी प्रमुख रहा।