लाइव हिंदी खबर :- हर देश में लड़कियों की शादी के लिए एक तय समय सीमा होती है। निर्धारित उम्र से पहले शादी करना व गैर मर्द के साथ संबंध बनाने को गैर कानूनी माना जाता है। कई देशों में तो लड़कियों के कौमार्य खोने पर उन्हें मौत तक की सजा दी जाती है।
लड़कियों की पवित्रता का पता करने का सबसे अनोखा तरीका सऊदी अरब और मिस्र समेत कई मुस्लिम देशों में प्रचलित है। इसके तहत शादी के दिन लड़की को अपना अंगूठा सफेद कपड़े में लपेट कर अपनी योनि में रखना होता है। कुछ देर बाद इसे बाहर निकालने पर यदि कपड़े पर खून हो तो उसे पवित्र माना जाता है।
यूथोपियन कल्चर में भी अजीब तरीके से लड़की की शुद्धता का पता किया जाता है। यहां नई दुल्हन को दूल्हे के स्कार्फ के साथ सोना होता है। अगले दिन अगर उस स्कार्फ पर खून के निशान नहीं होते हैं, तो उसे पीटा जाता है। साथ ही शादी भी तोड़ दी जाती है। वहीं स्कार्फ पर खून के निशान मिलने पर इसे दुल्हन के घर गिफ्ट्स के साथ भेजा जाता है।
कौमार्य की जांच के लिए विदेशों के साथ भारत में भी कई प्रथाएं मौजूद है। यहां रहने वाले कुछ समुदायों में औरत को सांस रोककर पानी के अंदर खड़ा कर पवित्रता जांची जाती है। इस दौरान एक व्यक्ति को जमीन पर कोई सौ कदम चलना होता है। यदि महिला इतनी देर तक सांस रोककर स्थिर रहे तो उसे पवित्र माना जाता है।
इसके अलावा भारत में एक और तरीका भी बहुत चलन में है। इसके तहत वेडिंग नाइट वाले दिन नव दंपत्ति को सफेद चादर वाले बिस्तर पर लेटना होता हैं। अगली सुबह उस चादर पर खून के निशान ढूंढे जाते हैं। यदि चादर पर खून मिलता है तो लड़की को वर्जिन मान लिया जाता है। महाराष्ट्र के कंजारभाट समाज, मध्यप्रदेश के बेतुल के अलावा देश में कई जगह अभी भी इस तरीके को आजमाया जाता है।
जॉर्जिया समेत अन्य पश्चिम के देशों में लड़कियों की पवित्रता जांचने के लिए उन्हें प्योरिटी रिंग पहनायी जाती है। इस अंगूठी को पहनते वक्त लड़की ईश्वर के सामने कसम लेनी होती है कि वह शादी के पहले किसी भी व्यक्ति के साथ यौन संबंध स्थापित नहीं करेगी। न ही उसने ऐसा काम पहले किया है। इंडोनेशिया में महिला पुलिस में नौकरी के लिए भी महिलाओं की पवित्रता जांची जाती है। इसके लिए विभाग में टू फिंगर टेस्ट से होता है। जो महिला इस टेस्ट में फेल हो जाती है, उसे नौकरी नहीं मिलती है।