लाइव हिंदी खबर :- राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने पाकिस्तान से जुड़े विशाखापत्तनम नेवी जासूसी मामले में दो और आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है। एनआईए ने शुक्रवार को बताया कि ये दोनों आरोपी भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों तक पहुँचाने में शामिल थे।

मामला वर्ष 2019 में उजागर हुआ था, जब एनआईए ने भारतीय नौसेना के कुछ कर्मियों और नागरिकों को गिरफ्तार किया था, जो सोशल मीडिया के ज़रिए पाकिस्तानी एजेंटों से संपर्क में थे। जांच में पाया गया था कि ये लोग पैसों के बदले भारत की समुद्री सुरक्षा और नौसेना गतिविधियों से जुड़ी गोपनीय जानकारी साझा कर रहे थे।
एनआईए के अनुसार नवीनतम फैसले में अदालत ने यह माना कि आरोपियों की गतिविधियाँ भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा थीं। एजेंसी ने बताया कि इन दोनों दोषियों को कड़ी सज़ा दी गई है, जिससे भविष्य में इस तरह की देशविरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। इससे पहले भी इस मामले में कई अन्य आरोपियों को सज़ा मिल चुकी है। अदालत ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा से समझौता करने वालों के प्रति किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी।
एनआईए ने बताया कि पाकिस्तान स्थित खुफिया नेटवर्क ने हनीट्रैप और ऑनलाइन मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए भारतीय नौसेना के कुछ कर्मियों को फंसाया था। एजेंसी ने कहा कि इस फैसले से स्पष्ट संदेश जाता है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ ऐसी किसी भी जासूसी या आतंकी गतिविधि के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति पर कायम हैं।