लाइव हिंदी खबर :-मनु ऋषि द्वारा रचित महानतम ग्रन्थ मनुस्मृति में मनुष्य जीवन से जुड़ी कई बातों का उल्लेख मिलता है। इसी ग्रन्थ में जीवन को सरल और सुखमयी बनाने के कई श्लोक दर्ज है। यदि इनका पालन किया जाए तो इंसान कई दिक्कतों से बच सकता है। मनुस्मृति के एक श्लोक में कहा गया है – “स्त्रियो रत्नान्यथो विद्या धर्मः शौचं सुभाषितम्। विविधानि च शिल्पानि समादेयानि सर्वतः।।” इस श्लोक में मनु ऋषि कुछ चीजों का वर्णनं कर रहे हैं जो यदि तोहफे में मिलें, तो उन्हें ठुकराना नहीं चाहिए। बल्कि खुशी-खुशी स्वीकार कर लेना चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं वे चीजें:
शुद्ध एवं महंगे रत्न
पुखराज, हीरा, नीलम, पन्ना, आदि रत्नों को ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुद्ध एवं बहुमूल्य माना गया है। इन रत्नों को खरीद पाना हर किसी के वश की बात नहीं होती है। लेकिन अगर कोई इन्हें खरीदकर इस्तेमाल करे तो वह बड़ी से बड़ी दिक्कतों का समाधान पा सकता है। अगर ऐसे रत्न कभी भी तोहफे में मिलें तो इन्ह्ने तुरंत स्वीकार कर लें। ये आपके भविष्य को सुधारने के काम आएंगे।
विद्या
किताबें, किसी द्वारा दी गई सलाह या ज्ञान, यदि बिन पूछे आपको कोई ये दे तो इनकार ना करें। ज्ञान कैसा भी हो, यदि मिले तो इससे हमारी विद्या में ही इजाफा होता है।
धर्म
धर्म केवल वह नहीं जो आप देखते हैं या जिसके बारे में आप किसी से सुनते हैं। धर्म धारण किया जाता है, धर्म कर्म प्रधान है। यह केवल एक शब्द नहीं है। व्यक्ति के जीवन का सार है। यह मनुष्य को सही राह पर चलने की सीख देता है, तो यदि कोई आपको धर्म का मार्ग दिखाए तो इस ज्ञान को ठुकराएं नहीं।
उपदेश
किसी विद्वान, ज्ञानी या आपके घर के बदु-न्बुजुर्ग द्वारा आपको कोई उपदेश दिया जाए तो उसे हमेशा विनम्रतापूर्वक सुनें और उस पर अमल करने की कोशिश करें।
कला
कला की कोई जाती, धर्म या उसे सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। यदि कोई बिना किसी उपेक्षा के आपको कला की सीख दे तो उसे खुशी खुशी स्वीकार करें।
ऐसी स्त्री
स्त्री का केवल सुन्दर होना ही उसे सर्वश्रेष्ठ नहीं बनाता है। स्त्री यदि बुद्धिमान हो, उसका चरित्र साफ हो, वह परिवार को सहेज कर रखने वाली हो और अगर ऐसी स्त्री स्वयं चलकर आपकी जिंदगी में आए तो उसे ठुकराएं नहीं। उसे स्वीकार ना करना उसका अपमान करने के बराबर होगा।