औलाद के लिए जिंदगीभर तरसते हैं इस तरह के लोग,क्लिक करके जाने

औलाद के लिए जिंदगीभर तरसते हैं इस तरह के लोग,क्लिक करके जाने

औलाद के लिए जिंदगीभर तरसते हैं इस तरह के लोग,क्लिक करके जाने

लाइव हिंदी खबर :-प्राचीनकाल में ऋषि-मुनि जब नाराज होते थे तो श्राप दे देते थे। जिसके बाद व्यक्ति को जब अपनी गलती का अहसास होता था तो वह श्राप से मुक्ति के लिए उस ऋषि या किसी अन्य देवी-देवता के शरण में जाकर उसका समाधान खोजता था और उनके बताए गए रास्ते पर चलकर उसका निवारण करता था।

आज भी मान्यता है कि श्राप और आशीर्वाद का असर होता है। कहा जाता है कि श्राप का असर ये होता है कि कुछ लोग जिंदगीभर औलाद के लिए तरस जाते हैं तो कुछ लोग संतान होते हुए भी उसका सुख प्राप्त नहीं कर पाते। अगर आपके साथ भी इस तरह की समस्याएं है तो इसका निदान आपको अवश्य करना चाहिए। धार्मिक और ज्योतिष ग्रंथों में भी इन श्रापों की चर्चा की गई है। आइये जानते हैं इस तरह के श्रापों से मुक्ति पाने के उपाय…

मातृ श्राप

अगर आप मातृ श्राप से ग्रसित हैं तो आपको संतान से जुड़े कष्ट को भोगना पड़ सकता है।

इस श्राप मुक्ति के लिए पति को रामेश्वरम् में जाकर स्नान करना चाहिए।

हो सके तो अपनी क्षमता के अनुसार दूध से भरा चांदी का पात्र दान करें।

भक्ति-भाव से इस उपाय को करने से श्राप से मुक्ति मिल जाती है।

भातृ श्राप

पूर्व या इस जन्म में भाई से मिला श्राप आपको संतान सुख से वंचित कर सकता है।

इस श्राप से मुक्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा करें और श्री लक्ष्मी-नारायण की कथा का सुनें।

यमुना या कृष्णा नदी में विशेष रूप से स्नान करें।

पीपल का वृक्ष लगाएं और उसके बड़े होने तक उसकी सेवा करें।

ब्राह्मण श्राप

पूर्वजन्म या फिर इस जन्म में किसी ब्राह्मण के श्राप से पीड़ित हैं तो चांद्रायण व्रत करें।

संभव हो तो किसी योग्य ब्राह्मण को गाय दान करें।

पत्नी श्राप

पत्नी द्वारा दिए गए श्राप से पीड़ित हैं तो लक्ष्मी-नारायण की प्रतिमा का विधिवत पूजन करें।

गोदान और कन्या दान से भी इस श्राप से मुक्ति मिल सकती है।

प्रेतजनित श्राप

प्रेतजनित श्राप से पीड़ित हैं तो गया ( बिहार ) में जाकर विधिवत श्राद्ध करें।

ब्राह्मणों को भोजन कराएं और गाय दान करें।

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