हेल्थ कार्नर :- यह एक बहुत विशाल औषधि है और यह करीब भारत के हर कोने में पाया जाता है जिसको बहुत से लोग कनैल के नाम से जानते है तो मैं आज कनेर की फूल की बात करने जा रहा हूं। ज्यादातर लोग इसको फेंक देता है तो अब मत फेकना नही तो पश्चाताओगे।
कनेर को बहुत से लोग कनैल के नाम से भी जानते है जो की भारत के हर जगह में पाया जाता है। दोस्तो आपने ध्यान दिया होगा। कनेर का पौधा भारत के हर कोने में पाया जाता है। हम इसका प्रयोग मंदिरो में, और घर में वाटिकाओ में लगाते है। पीले कनेर के पौधे के पत्ते चमकीले और छोटे पाये जाते है। यह सजावज के लिए भी प्रयोग किया जाता है। और यह आपको हर जगह सड़को को किनारे देखने को मिलता है।
अगर आपको फोड़े-फुंसियो का रोग है। तो आप ऐसे में कनेर के लाल फूलो को पीसकर उसका लेप बना ले और लेप को फोडें-फुंसियो पर दिन में 2-3 बार लगाएं। इसका सेवन करने से फोडे-फुसियां कुछ दिन में ठीक हो जाएगी।
ठंडे पानी के साथ कनेर की जड़ को पीसकर फोड़े पर लगाये, फोड़ा हाथ लगने से फूट भी सकता है। तो इसको ध्यानपूर्वक लगाए। ये फोड़े को ठीक करके पाइल्स के रोग सहायता करता है।
अगर आपको कोई जहरीला बिच्छू काट ले तो आप कनेर के फूल की जड़ को घिसकर ड़क के स्थान पर लगाये औऱ इसके पत्तो के रस निकालकर इसका रस पिलाने से सापं या बिच्छू का जहर निकल जाता है यह एक महत्वपूर्ण औषधि है।