कलयुग के दौर में फिर से की गई रामायण की रचना, इस खास कारण से कीमत हुई करोड़ो में

कलयुग के दौर में फिर से की गई रामायण की रचना, इस खास कारण से कीमत हुई करोड़ो में

लाइव हिंदी खबर :- रामायण महाकाव्य के बारे में हम सभी ने सूना है और टेलीविजन के पर्दे पर इसे देखा भी है। रामायण की पूरी कहानी भगवान विष्णु के अवतार श्री राम, उनके भाई लक्ष्मण,उनकी धर्मपत्नी सीता और रावण के इर्द-गिर्द घूमता है। ये पूरा महाकाव्य अधर्म पर धर्म की विजय पर आधारित है। कई ज्ञानी महापुरूषों ने समय-समय पर इस महाकाव्य को अपने-अपने अंदाज में लिखा है।इसमें तुलसीदास, बाल्मीकि प्रमुख है।

कलयुग के दौर में फिर से की गई रामायण की रचना, इस खास कारण से कीमत हुई करोड़ो में

एकबार फिर से महाभारत की रचना की गई है लेकिन इसे इस बार काफी भव्य रूप दिया गया है।कलियुग में लिखी गई इस रामायण को काफी शानदार तरीके से सजाया गया है। इस रामायण में सोना,चांदी,हीरा,पन्ना जैसे महंगे पदार्थो का प्रयोग किया गया है। बता दें इस रामायण का वजन 19 किलो है। अब तक की सबसे महंगी रामायण में कुल 530 पन्ने हैं।

इसे लिखने के लिए 222 तोला सोने की स्याही का प्रयोग किया है। इतना ही नहीं इसमें दस किलो चांदी,चार हजार हीरे, माणिक और पन्ना का भी इस्तेमाल किया गया है। इस रामायण के मुख्य पेज पर एक तौले चांदी की भगवान शिव की प्रमिता उभारी गई है। इसके साथ ही आधे तौले की हनुमान जी की और आधे तौले की गणेश जी की प्रतिमा उभारी गई है। इस रामायण को लिखने के लिए जिस कागज का इस्तेमाल किया गया है उसे जर्मनी से मंगवाया गया है।इस कागज की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे धोने के बाद भी इस पर दोबारा से लिखा जा सकता है।

ये कागज इतना सफेद है कि अगर कोई धुले हुए हाथों से भी इसे पकड़ ले तो इसमें दाग पड़ जाती है। हर साल श्री रामचंद्र जी के जन्मदिन के अवसर पर इस रामायण की पूजा की जाती है।कलियुग में इस महाकाव्य की रचना रामभक्त रामभाई गोकर्णभाई ने साल 1981 में किया है।इसे रामभाई गोकर्णभाई ने सूरत के भेस्तान में लुहार फलिया में इसे लिखवाया। इस रामायण की कीमत करोड़ों में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *