कुंडली में पितृ दोष से आ रही नौकरी, व्यापार में रुकावटें, तो करें ये आसान उपाय

कुंडली में पितृ दोष से आ रही नौकरी, व्यापार में रुकावटें, तो करें ये आसान उपाय

लाइव हिंदी खबर :- कुंडली में पितृदोष होना मतलब व्यक्ति के पिछले जन्म से जुड़ा होता है। कहा जाता है कि अगर किसी जातक ने पिछले जन्म में कोई पाप किया है या फिर पूर्वजों ने पारिवारिक पुजारी को बदल दिया है, तो ऐसी स्थिति में पितृदोष उत्पन्न होता है। इसके अलावा माना जाता है कि जब कभी पीपल का पेड़ काटा जाये या फिर किसी मंदिर में तोड़फोड़ की गई हो तो भी पितृ दोष उत्पन्न होता है।

पितृ दोष होने पर जातक को झेलना पड़ता है ये सब

पितृ दोष होने पर व्यक्ति को बहुत सी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जिनमें से एक मुख्य कारण घर में हमेशा गृह क्लेश का होना। दूसरा व्यक्ति की कड़ी मेहनत के बावजूद उसे मेहनत के परिणाम ना मिलना। पितृदोष का कुंडली में होने से व्यक्ति के विवाह में देरी होती है और उसे संतान सुख भी देरी से मिलता है। यदि संतान हो जाए तो निकम्मी और दुख देने वाली होती है।

जब कुंडली इस भाव में हो बृहस्पति

लाल किताब के अनुसार जब भी किसी जातक की कुंडली के लग्न भाव में राहु होता है तो उसे पितृदोष उत्पन्न होता है क्योंकि इस लग्न में राहु का होना सूर्य को हर जगह ग्रहण लगाता है। जब भी चंद्रमा के साथ केतु और सूर्य के साथ राहु होने पर पितृ दोष उत्पन्न होता है। इसके अलावा लाल किताब के अनुसार जब किसी की कुंडली में शुक्र, बुध या राहु दूसरे, पांचवें, नौवें अथवा बारह्वें भाव में होते हैं तो जातक का पितृ दोष उत्पन्न होता है। वहीं आगर किसी की कुंडली में सातवें या दसवें भाव में बृहस्पति हो तो उसे आंशिक पितृ दोष होता है।

लाल किताब के अनुसार उपाय

– लाल किताब के अनुसार कुंडली में पितृ दोष होने पर जातक को हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिये। इसके अलावा मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिये।

– घर के आस-पास किसी पीपल के पेड़ में रोज पानी डालें आर उसकी प्रतिदिन सेवा करें।

– घर के सदस्यों से सिक्के इकट्ठा करें और मंदिर में उस पैसों को दान कर दें।

 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार उपाय

– यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो उसके घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने पूर्वजों का फोटो लगाकर उस पर हार-माला चढ़ाकर रोज उनका स्मरण करना चाहिए। इससे अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलेगा, वहीं दोष भी दूर होने लगेगा।

– अपने पूर्वजों के निधन की तिथि पर जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को श्रद्धा पूर्वक भोजन कराएं। उस भोजन में पूर्वजों के पसंद की वस्तु जरूर रखें।

– कुंडली में पितृदोष होने पर किसी भी गरीब कन्या का विवाह या उसकी बीमारी में मदद करने से भी पितृ दोष दूर हो जाता है।

– ब्राह्मणों के लिए गोदान करें, गर्मी में पानी पिलाने के लिए कुएं खुदवाएं अथवा राहगीरों को ठंडा पानी पिलाने से भी इस दोष से छुटकारा मिल जाता है।

– पितरों के नाम पर गरीब बच्चों की मदद करने और स्वर्गीय जनों के नाम से अस्पताल, मंदिर, स्कूल धर्मशाला बनाने से भी बेहद लाभ मिलता है।

– सोमवार की सुबह स्नान करके शिव मंदिर में आक के 21 फूल, दही, बिल्वपत्र के साथ शिवजी की पूजा करें। 21 सोमवार करने से पितृदोष का प्रभाव कम हो जाता है और मन में खुशियां महसूस होने लगती हैं।

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