लाइव हिंदी खबर :- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार किसी भी जातक की कुंडली में जब शनि और चंद्रमा की युती बनती है तो उसे विष योग कहा जाता है। कहा जाता है कि जिस जातक की कुंडली में विष योग बनता है उसे जीवन के हर मोड़ पर कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इसलिये अगर आपकी कुंडली में भी शनि चंद्र का विष योग बन रहा है तो आप इस योग का उपाय जरुर करें…
शनि-चंद्र युति जातक पर पड़ता है ये असर-
1. अगर किसी जातक की कुंडली में शनि-चंद्र का विष योग बनता है तो वो जातक मन से असंतोष, दुखी, निराशाजनक रहता है। उसे हमेशा अपनी जिंदगी से कुछ ना कुछ शिकायत रहती है और कभी कभी आत्महत्या करने का विचार भी आता है।
2. जिस किसी जातक की कुंडली में शनि-चन्द्र की युति बनती है। वह जातक कभी अपने अनुसार काम नहीं कर पाता और उसे हमेशा दूसरों का सहारा लेना पड़ता है। विष योग के असर से ऐसे लोग हमेशा छोटी-छोटी असफलताओं से निराश हो जाते हैं।
3. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, कुंडली के जिस भाव में विष योग बनता है यह उस भाव के फल को प्रभावित करता है। जैसे सप्तम भाव में विष योग बनने से जातक का पारिवारिक व दांपत्य जीवन हमेशा खराब रहता है। दांपत्य जीवन की कोई ग्यारंटी नहीं रहती है। वहीं परेशानियां आती रहती है। इसके अलावा जिस किसी भाव में विष योग बनता है वहां परेशानियां खड़ी हो जाती है।
शनि-चंद्र युति से बनने वाले विष योग के उपाय-
1. हर दिन हनुमान चालीसा को पढ़ें और सिर पर केसर का तिलक लगायें।
2. हर शनिवार के दिन छाया दान करें और शनिवार के दिन कुएं में दूध भी डालें।
3. जिन जातकों की कुंडली में विष योग होता हैं, उन जातकों को कभी रात में दूध नहीं पीना चाहिये।
4. अपनी वाणी और क्रिया-कर्म को हमेशा शुद्ध रखें।
5. मांस और मदिरा से दूर रहकर माता या माता समान महिला की सेवा करें।