लाइव हिंदी खबर :-ज्योतिष के अनुसार, नवग्रहों में से शनि शक्तिशाली और लंबे समय तक असर दिखाने वाला ग्रह होता है। शनि अगर किसी पर मेहरबान हो जाएं तो ये आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा सकते हैं। शनिदेव के शुभ प्रभावों को पाने के लिये कई बार नीलम रत्न पहनाया जाता है।
शनि का रत्न नीलम बहुत चमत्कारी माना जाता है। किसी भी व्यक्ति को कोई भी रत्न पहनने से पहले अपनी कुंडली दिखवा लेना चाहिए। कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार नीलम पहनना चाहिए। यदि आपने बिना किसी जानकारी के नीलम पहन लिया तो आपको इसके दुष्प्राभवों का सामना करना पड़ सकता है।
अगर आप इसे धारण कर रहे है तो यह आपको धारण करने के 24 घंटे के अंदर पता चल जाएगा कि यह आपके लिए फायदेमंद है कि नहीं। नीलम की इन्हीं शक्तियों के कारण ज्योतिषशास्त्री सलाह देते हैं कि नीलम धारण करने से पहले इसकी जांच जरूर कर लें कि, यह आपके लिए लकी है या नहीं।
इसके बुरे प्रभाव के कारण बीमारियां, आलस्य, झगड़े, धन हानि, नुकसान, कामकाज में रुकावटें आने लगती हैं। कई लोग इसे राशि के अनुसार धारण कर लेते हैं, किंतु ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिये। तो अगर आप भी नीलम पहनना चाहते हैं तो कैसे जानें असली और नकली नीलम रत्न की पहचान…
दूध में डाल दें नीलम
अगर आपको अच्छी क्वालिटी के बारे नहीं जानते है तो हम आपको बता रहे है कि कैसे जाने कि यह असली है कि नकली। इसके लिए नीलम को दूध में डाल दे तो यह दूध के रंग को भी नीला कर देता है। तो समझ जाइए कि वह असली है।
चमकीला और चिकना होता है नीलम
नीलम रत्न की एक और पहचान यह है कि यह दिखाई देने में चमकीला और चिकना होता है। पानी से भरे कांच के गिलास में यदि नीलम को रखें तो पानी के ऊपर नीली किरण दिखाई देने लगती है। मोर के पंख की तरह इसका रंग नीला होता है। यह पारदर्शी होता है। इसके ऊपर रोशनी डालने पर नीली आभा छिटकती है।
नीलम में दिखाई देती है दो परत
जब भी आप नीलम खरीदने जा रहे है तो आपको बता दे कि जब आप अंदर ध्यान से देखने पर दो परत दिखाई देती हैं। ये दोनों लेयर एक दूसरे के समानांन्तर होती हैं। इसलिए नीलम रत्न को खरीदते वक्त इसकी अलग-अलग परत को देखना ध्यान रखें। परत देखने के लिए आप सूर्य की रोशनी की तरफ देख सकते हैं। यदि इसमें कहीं से भी आपको पीला प्रकाश दिखाई दें तो यह असली नीलम नहीं है।