लाइव हिंदी खबर :-हिंदू पंचांग के अनुसार जब भी सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तब से खरमास प्रारंभ हो जाता है। मान्यताओं के अनुसार खरमास में मांगलिक व शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। खरमास में खासकर विवाह, नूतन गृह प्रवेश, नया वाहन, भवन क्रय करना, मुंडन जैसे शुभ कार्यों पर एक माह के लिए प्रतिबंध लगा है।
सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करेंगे तब खरमास खत्म होगा। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसे मकर संक्रांति कहते हैं। लेकिन क्या आपको पता है खरमास में शुभ व मांगलिक कार्य क्यों निषेध हैं, आइए जानते हैं इसके वैज्ञानिक व धार्मिक कारण….
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार
धार्मिक मान्यता की मानें तो मलमास यानी खरमास में मांगलिक कार्यों पर निषेध इसलिये है क्योंकि, वैदिक ज्योतिष में गुरु को समस्त शुभ कार्यों का प्रतिनिधि ग्रह माना गया है। सूर्य जब गुरु की राशि धनु और मीन में प्रवेश करता है तो इससे गुरु निस्तेज हो जाते हैं और उनका प्रभाव खत्म हो जाता है। वहीं शुभ कार्यों के लिये गुरु का पूरी तरह बलशाली होना बहुत जरुरी होता है। इसलिये खरमास, मलमास में शुभ कार्य करने की मनाही होती है। खासकर विवाह में सूर्य और गुरु दोनों की मौजूदगी जरुरी होती है।
ये है वैज्ञानिक पक्ष
वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य में हाईड्रोजन और हीलियम होता है, लेकिन गुरु ग्रह में भी ये दोनों उपस्थित होते हैं। वहीं पृथ्वी से 15 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित सूर्य और 64 किलोमीटर दूर स्थित बृहस्पति ग्रह दोनों के बीच ऐसे जमाव में आते हैं जिसके कारण बृहस्पति के कण पृथ्वी के वायुमंडल में पहुंचते हैं। जो कि अपनी किरणों को आंदोलित करते हैं और इस कारण व्यक्ति की मानसिक स्थिति में बहुत परिवर्तन होता है। इसलिये इस दौरान मांगलिक कार्यों में व्यवधान उत्पन्न होता है।