लाइव हिंदी खबर :-हिन्दू धर्म के प्रथम पूजनीय और विघ्नहर्ता गणेश को आदिदेव भी कहते हैं। हर शुभ काम करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। घर में क्लेश हो या किसी काम में सफलता ना मिल रही हो लोग गणपति के पास जाकर अपने सारे दुख-दर्द कह देते हैं और उनके सारे कष्ट भगवान गणेश दूर कर देते हैं। हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणेश मंदिरों में भक्तों का मेला लगता है। इस साल यह गणेश चतुर्थी 13 सितम्बर को पड़ रही है। देवों में प्रथम भगवान गणेश के मंदिर देश भर में हैं मगर कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जो सबसे प्राचीन और अनोखे माने जाते हैं। आज हम आपको ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है जो सबसे प्राचीन और अनोखे हैं।
1. मोती डूंगरी गणेश, जयपुर
इस मंदिर को जयपुर की कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में भी गिना जा सकता है। जयपुर वासियों के आस्था का प्रतीक ये मंदिर कुछ सात सौ से आठ सौ साल पुराना है। माना जाता है कि इस मंदिर में गणेश की मूर्ती को नरेश माधोसिंह की रानी के मायके से 1761 में लाई गई थी। जिसे उनके मायके वालों ने गुजरात से मंगवाई थी और उस समय वह पांच सौ साल पुरानी थी। इस मंदिर में आज भी गणेश चतुर्थी वाले दिन भारी संख्या में भीड़ होती है।
2. श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई मंदिर, पुणे
इस मंदिर के नाम से ही समझ आता हैं यहां मिठाइयों का भोग लगाया जाता है। इस मंदिर का श्रृंगार कभी मिठाई से होता है कभी फल से। भक्त की भक्ति और श्रद्धा को यहां देखा जा सकता है। गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां कई भक्त पूरे मंदिर का अलग-अलग चीजों से श्रृंगार करवाते हैं।
3. सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
गणपति के मंदिर की बात हो और मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर का जिक्र ना हो ऐसा संभव नहीं है। ये मंदिर सिर्फ देश ही नहीं विदेश में भी प्रसिद्ध हैं। आम आदमी हो या सेलिब्रेटी यहां हर कोई अपना शीश झुकाने आता है। इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां गणेश मूर्ती की सूड़ दाईं ओर मुड़ी हुई है जिसे सिद्धपीठ से जोड़ा जाता है इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
4. रणथंभौर गणेश जी, राजस्थान
रणथंभौर में गणेश जी का बहुत पुराना मंदिर है। इस मंदिर को करीब 100 साल पुराना बतााय जाता है। इस मंदिर की खास बात ये है कि इस मंदिर में गणेश जी के तीन आंखों वाली प्रतिमा है जिसे नारंगी रंग से रंगा गया है। गणेश के इस अद्भुत रुप को देखने लोग दूर-दराज से आते हैं।
5. कनिपक्कम विनायक मंदिर, चित्तूर
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित कनिपक्कम मंदिर को बेहद प्राचीन बताया जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना 11वीं सदी में की गई थी। इस मंदिर की सबसे रोचक बात ये है कि इस मंदिर के गणपति का आकार दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर की मूर्ति पहले छोटी थी मगर धीरे-धीरे इसका आकार बढ़ता ही जा रहा है।