लाइव हिंदी खबर :-वास्तुशास्त्र का बहुत महत्व होता है। आजकल हर व्यक्ति अपना घर, ऑफिस या कोई भी नई शुरुआत करने से पहले वास्तु के अनुसार काम करता है। घर की हर छोटी से छोटी चीज भी वास्तु के अनुरुप यदि रखी रहे तो व्यक्ति के जीवन से आधी से ज्यादा समस्याएं खत्म हो जाती है।
इसके साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मकता खत्म हो जाती है। उसी प्रकार आइए आज आपको बताते हैं स्टडी रूम से जुड़ी कुछ खास बातें, जो कि स्टडी रूम में सकारात्मकता बनाये रखती है…
– वास्तुशास्त्र के अनुसार, स्टडी रूम हमेशा उत्तर-पूर्व या फिर पश्चिम दिशा में रखना चाहिये। अगर यह पूजा घर से सटकर बना हो तो अति उत्तम माना जाता है। वहीं कभी भी स्टडी रूम दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिये। ऐसा होने से भ्रम उत्पन्न होता है।
– वास्तु के अनुसार स्टडी रूम में चौकोर टेबल रखना चाहिये, जिसके चारों पांव समान होते हैं।
– वास्तु के अनुसार स्टडी रूम में टेबल को हमेशा दक्षिण-पश्चिम या दरवाजे के सामने नहीं लगाना चाहिये।
– स्टडी रूम में टेबल को दरवाजे या दीवार से सटाकर ना लगायें। ऐसा करने से पढ़ाई करने वाले को याद रखने की क्षमता बढ़ती है।
– स्टडी रूम में कभी भी लाईट के जस्ट नीचे टेबल ना रखें, ऐसा करने से व्यक्ति की पढ़ाई प्रभावित होती है।
– जिनका स्टडी रूम उत्तर-पूर्व दिशा में होता है वहां मां सरस्वती, गणेश की प्रतिमा और हरे रंग की फोटो लगाना चाहिये, ऐसा करने से शुभता बनी रहती है।
– दक्षिण व दक्षिण-पूर्व दिशा वाले कमरे में अध्ययन कक्ष की व्यवस्था से बचें, यह अशुभ व तनावयुक्त स्थिति दे सकता है।
– अपने स्टडी रूम के बीच वाले भाग को हमेशा साफ-सुथरा रखें। ऐसा करने से ऊर्जा का संचार होता है।
– कोशिश करें कि नार्थ-वेस्ट दिशा में बैठकर भी पढ़ाई ना करें, क्योंकि इस दिशा में पढ़ाई करने से मन नहीं लगता और एकाग्रता नहीं बन पाती।