लाइव हिंदी खबर :- श्राद्ध में पितरों के तर्पण के लिए दान और अन्य प्रकार के अनुष्ठान किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार पितरों की शांति के लिए श्राद्ध में दान करना चाहिए। शास्त्रों में पितृ पक्ष में सात चीजों का दान करना चाहिए। अगर आप इन चीजों का दान करते हैं तो आपका घर धन से भरा रहेगा आपके जीवन में खुशियों की बरसात होने लगेगी तो चलिए जानते हैं सात बातें जो इस प्रकार हैं-
काला तिल
श्राद्ध में काले तिल का दान अवश्य करना चाहिए। इससे पितरो और दान करने वाले दोनों को दान का फल मिलता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दौरान पितरों के तर्पण के लिए कुछ भी दान करते समय अपने हाथ में काले तिल के साथ कुछ भी दान करें। अगर आप इस दौरान अन्य चीजें दान करने में असमर्थ हैं तो काले तिल का दान करें। काले तिल भगवान विष्णु को प्रिय है। इसे शनि का प्रतीक भी माना जाता है।
चांदी
शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को श्राद्ध कर्म में चांदी की धातु से बनी कोई भी वस्तु दान करनी चाहिए। ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है। पुराणों में पूर्वजों के निवास का उल्लेख चंद्रमा के ऊपरी हिस्से में किया गया है और चांदी का संबंध चंद्र ग्रह से है। इसलिए श्राद्ध में चांदी, चावल, दूध से पितृ प्रसन्न होते हैं।
वस्त्र
मान्यता के अनुसार यह कहा जाता है कि पितरों का आशीर्वाद हमेशा उन लोगों पर रहता है जो श्राद्ध के समय पूर्वजों के लिए कपड़े दान करते हैं। श्राद्ध में धोती और दुपट्टे का दान बहुत शुभ माना जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार हमारे पूर्वजों की आत्मा पर ऋतुओं के परिवर्तन का प्रभाव पड़ता है। उन्हें ठंड, गर्मी भी लगती है। ऐसी स्थिति में वे अपने वंशजों से कपड़े की भी इच्छा रखते हैं।
गुड़ और नमक
श्राद्ध के समय गुड़ और नमक का दान करें। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से घर में शांति का वातावरण बना रहता है। शास्त्रों के अनुसार नमक के दान से यम का भय भी दूर होता है। घर से संबंधित क्लेश को दूर करने के लिए श्राद्ध में इन चीजों का दान करें।
जूते
श्राद्ध कर्म में पितरों की आत्मा की शांति के लिए जूते और चप्पल का दान शुभ माना जाता है। इसलिए, श्राद्ध पक्ष में, जरूरतमंद लोगों को जूते और चप्पल दान करने चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में पुण्य का प्रभाव बढ़ जाता हैं और भगवान भी आपसे खुश रहते हैं।
छतरी
मान्यता के अनुसार, श्राद्ध में छाता दान करना शुभ होता है। ऐसा करने से घर में सुख, शांति और प्रसन्नता आती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। और आपके जीवन से सभी कलेश दूर हो जाते हैं और हर इच्छा पूरी होती हैं।
भूमि
आज के समय में भूमि दान करना काफी हद तक संभव नहीं है। लेकिन कहा जाता है कि श्राद्ध के समय पितरों की शांति के लिए भूमि का दान करना चाहिए। शास्त्रों में, भूमि दान को सबसे शुभ दान माना जाता है। जिससे आपके पितृ आपसे खुश रहते हैं ।