लाइव हिंदी खबर :- भारतीय वायुसेना (IAF) ने बुधवार को चंडीगढ़ एयरवेज पर एक विशेष समारोह आयोजित किया| जिसमें 6 दशक तक के देश की सेवा करने वाले MiG-21 लड़ाकू विमान को आधिकारिक तौर पर विदाई दी गई| इस मौके पर MiG-21 ने आसमान में आखिरी बार गर्जा और दर्शकों को रोमांचित करने वाला विशेष प्रदर्शन प्रस्तुत किया। MiG-21 जिसे 1993 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। देश का पहला सुपरसोनिक जेट विमान माना जाता है।

अपनी तेज रफ्तार और शक्तिशाली क्षमता के चलते इसे टाइप-77 और फ्लाइंग कॉफिन दोनों नामों से जाना गया। इसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध, कारगिल युद्ध समेत कई अभियानों में निर्णायक भूमिका निभाई। वायुसेना अधिकारियों ने कहा कि मिग-21 ने भारतीय रक्षा को नई ऊंचाई दी और लंबे समय तक यह देश की हवाई शक्ति की रीढ बना रहा। हालांकि समय के साथ तकनीकी उन्नति और सुरक्षा कारणो से इसे चरणबद्ध तरीके से सेवा से बाहर किया जा रहा है।
समारोह में सैन्य अधिकारी वायुसेना के पूर्व पायलट और सैनिक परिवार मौजूद रहे। उन्होंने इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनते हुए MiG-21 के योगदान को याद दिलाया। अधिकारी ने बताया कि अब इसकी जगह आधुनिक विमान जैसे राफेल और तेजस वायुसेना की ताकत बढ़ाएंगे। कार्यक्रम के अंत में वायुसेना बैंड ने देशभक्ति धुने बजाई और MiG-21 के आखिरी सलामी फ्लाइपास्ट ने सभी की आंखें नम कर दी।