लाइव हिंदी खबर :- दिल्ली में जस्टिस अजीत सिन्हा ने रिटायर्ड जजों की हालिया टिप्पणियों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि रिटायर्ड जजों की प्रतिक्रिया उनकी व्यक्तिगत राय और विवेक है। हालांकि, सच यह है कि ये जज कभी कॉलेजियम और न्यायपालिका का हिस्सा रहे हैं, इसलिए उन्हें सिस्टम की कार्यप्रणाली और निर्णय प्रक्रिया की अच्छी समझ है।

जस्टिस सिन्हा ने कहा कि कानून और कॉलेजियम की निर्णय प्रक्रिया आज भी वैसी ही है जैसी पहले थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में न्यायिक फैसले लेने की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं हुआ है और इसमें कोई दोष नहीं है। जस्टिस सिन्हा का कहना है कि रिटायर्ड जजों की टिप्पणियां केवल उनके निजी दृष्टिकोण को दर्शाती हैं और यह जरूरी नहीं कि पूरी प्रणाली की वास्तविकता को दर्शाएं।
उन्होंने मीडिया से कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की अफवाह या गलतफहमी से बचना चाहिए। उनके अनुसार, रिटायर्ड जजों की राय का सम्मान होना चाहिए, लेकिन इसे न्यायपालिका के वर्तमान कामकाज पर लागू करने के बजाय इसे व्यक्तिगत दृष्टिकोण के रूप में देखना चाहिए।
इस बयान के जरिए जस्टिस सिन्हा ने न्यायपालिका की स्थिरता और पारदर्शिता पर भरोसा जताया और कहा कि निर्णय प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं है।