लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :-  किशोरावस्था में तेजी से बढ़ता शरीर, पढ़ाई और करियर का दबाव और भागदौड़ भरी जिंदगी से तालमेल बैठाने के लिए खानपान से जुड़ी कुछ खास बातों का ख्याल रखना जरूरी है। –

टीनेजर्स को चाहिए ऐसी डाइट

नट्स, फैट और सीड्स
जाने माने पोषण विशेषज्ञ ल्यूक कौटीनो बताते हैं कि टीनेजर्स की डाइट फैट से युक्त होनी चाहिए। इनका मानना है कि हमारा ब्रेन एक फैटी ऑर्गन है, इसलिए घी, मेवे, बीज और सेहतमंद तेल, (ऑलिव ऑयल, नारियल तेल और तिल का तेल) आदि संतुलित मात्रा में डाइट में शामिल करने चाहिए। अलसी के बीज, सूर्यमुखी, कद्दू के बीज, अखरोट, तिल आदि में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भरपूर होते हैं।

आयरन
शरीर में आयरन की कमी से पढ़ाई में मन नहीं लगना, थकान और चिड़चिड़ेपन की शिकायत हो सकती है। आयरन ब्रेन के विकास और उसे सेहतमंद रखने में अहम भूमिका का निर्वाह करता है और उससे डोपामाइन जैसे महत्वपूर्ण हार्मोन रिलीज होते हैं। डोपामाइन दिमाग को प्रसन्न रखता है। आयरन के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, हल्दी, गेहूं के ज्वारे और मोरिंगा अच्छे स्त्रोत माने जाते हैं।

कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स

अनाज, फल, शकरकंद, बीन्स आदि ग्लूकोज के रूप में दिमाग के ईंधन के पहले स्त्रोत का काम करते हैं। कई अध्ययनों में पाया गया है कि जो विद्यार्थी सुबह नाश्ता नहीं करते उन्हें अपनी क्लास में एकाग्रता में दिक्कत आती है। ऐसा कम एनर्जी लेवल और ब्रेन फोग (दिमागी सुस्ती) की वजह से होता है।

जिंक
नव्र्स और ब्रेन सेल्स के बीच संवाद कायम रखने में जिंक की बड़ी भूमिका होती है। शरीर में जिंक की कमी से बौद्धिक क्षमता व समस्याओं को सुलझाने के कौशल पर विपरीत असर पड़ता है। इसके लिए बादाम, लहसुन, कद्दू के बीज, तिल और ऑर्गेनिक अंडों का नियमित सेवन करना चाहिए।

जाने आजकल के टीनेजर्स की कैसी होनी चाहिए डाइट

आयोडीन की कमी
बच्चों में आयोडीन की कमी से ब्रेन डैमेज की शिकायत हो सकती है। जिन बच्चों की मांएं गर्भावस्था में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा नहीं लेतीं, उनके बच्चों की बौद्धिक क्षमता कम होती है। इसलिए इसे गर्भवती और बच्चों व किशोरों को जरूर लेना चाहिए। यह टमाटर, पालक, अंडे, आलू में होता है।

कोलीन
दिमाग के सही विकास के लिए यह तत्व बेहद जरूरी होता है। यह अंडों, मछलियों, एवोकेडो, पालक और प्रोबायोटिक्स में पाया जाता है।

विटामिन बी
विटामिन बी-9 और बी12 नर्व सेल्स को दुरूस्त रखते हैं। शरीर में इसकी कमी हो तो सप्लीमेंट लिया जा सकता है। मांसाहारी भोजन में इसकी प्रचूर मात्रा होती है।