लाइव हिंदी खबर :-रामचरितमानस में भगवान के गुणों और महिमा को दर्शाया गया है, लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। इसमें भगवान राम के गुणों के साथ साथ भक्तों के गुणों की बात बताई गई हैं, इसमें उसकी विजय की भी बातों का वर्णन है। सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। और ये पाठ करने से आपके आसपास नकारात्मक शक्ति नहीं भटक सकती, और व्यक्ति को अद्भुद शक्तियां प्राप्त होती है। सुंदरकांड पाठ को करने से बिगड़ते काम बन जाते हैं और यदि व्यक्ति का आत्मविश्वास कम हो जाए इससे ठीक हो जाता है, सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं।
ज्योतिषशास्त्र के नजरिये से देखा जाए तो यह पाठ घर के सभी सदस्यों के ऊपर मंडरा रहे अशुभ ग्रहों से छुटकारा दिलाता है। यदि स्वयं यह पाठ ना कर सकें, तो कम से कम घर के सभी सदस्यों को यह पाठ जरूर सुनना चाहिए। अशुभ ग्रहों का दोष दूर करने में लाभकारी है सुंदरकांड का पाठ यहां तक कि यह भी कहा जाता है कि जब घर पर रामायण पाठ रखा जाए तो उस पूर्ण पाठ में से सुंदरकांड का पाठ घर के किसी सदस्य को ही करना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक शक्तियों का प्रवाह होता है।
1. यदि कोई स्त्री नियमित रूप से शनिवार को चमेली का दीपक जलाकर सुन्दरकांड का पाठ करती है, या किसी योग्य ब्राह्मण से करवाती है तो उसका घर, पति तथा बच्चे हर प्रकार की विपदा से बचे रहते हैं। यदि साप्ताहिक ना हो सके तो भी माह में कम से कम एक बार सुंदरकांड घर में अवश्य ही होना चाहिए।
2. सुंदरकांड का पाठ करने से आपकी दरिद्रता दूर होती है और यह पाठ करने से आपके रोग भी दूर होतो हैं।
3. अगर कोई व्यक्ति लगातार सुंदरकांड का पाठ करता है तो उसे अनेक लाभ मिलते हैं। सुंदरकांड पाठ निरंतर करने से मानसिक सुख शांति प्राप्त होती है।
4. अगर आप पर बहुत सारा कर्ज हो गया है तो आपको सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। सुंदरकांड का पाठ कर्ज से मुक्ति दिलाता है।
5. यदि विद्यार्थी अपने छात्र जीवन में सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो उन्हें जीवन में सफलता मिलती है। उनका पढ़ाई में मन लगने लगता है। इसलिए विद्यार्थियों को सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए।