लाइव हिंदी खबर :-ज्योतिष में जहां भाग्य का कारक ग्रह शुक्र माना जाता है, वहीं इस दिन की कारक देवी धन, संपत्ति, समृद्धि देने वाली देवी मां लक्ष्मी का माना गया है। ऐसे में माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का दिन कहा जाता है। मां लक्ष्मी की पूजा हर कोई करता है, क्योंकि जिसके पास मां लक्ष्मी का आशीष होता है, उसके धन-वैभव में कभी भी कोई कमी नहीं होती है, लक्ष्मी की पूजा करने वाला व्यक्ति हमेशा खुश और सुखी होता है।
देवी मां लक्ष्मी के मंत्र : जो करते हैं उन्हें प्रसन्न:
महालक्ष्मी च विद्महे,विष्णुपत्नी च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात्।
ॐ श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै श्रीं श्रीं ॐ नम:।
आदिलक्ष्मि परिपालय माम्
सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि, चन्द्र सहोदरि हेममये
मुनिगण वन्दित मोक्षप्रदायनि, मञ्जुल भाषिणि वेदनुते ।
पङ्कजवासिनि देव सुपूजित, सद्गुण वर्षिणि शान्तियुते
जय जयहे मधुसूदन कामिनि, आदिलक्ष्मि परिपालय माम् ॥
जय जयहे मधुसूदन कामिनि
अयिकलि कल्मष नाशिनि कामिनि, वैदिक रूपिणि वेदमये
क्षीर समुद्भव मङ्गल रूपिणि, मन्त्रनिवासिनि मन्त्रनुते ।
मङ्गलदायिनि अम्बुजवासिनि, देवगणाश्रित पादयुते
जय जयहे मधुसूदन कामिनि, धान्यलक्ष्मि परिपालय माम् ॥
ऐसे करें मां लक्ष्मी का पूजन… puja vidhi of goddess lakshmi
: मां लक्ष्मी का पूजन करने से पहले घर को साफ-सुथरा करें।
: फिर खुद स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें।
: मां लक्ष्मी की पूजा पूरे मन से करें।
: पूजा स्थल पर सबसे पहले चौकी रखें, उस पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं।
उसके बाद उस पर मां लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो रखें।
: मां लक्ष्मी का 16 श्रृंगार करें और सामर्थ्य के मुताबिक उन्हें चढ़ावा चढ़ाएं।
: मां लक्ष्मी कमल के पुष्प पर विराजती हैं इसलिए अगर कमल का फूल मिले तो मां को वो चढ़ाएं।
: मां लक्ष्मी को भगवान गणेश काफी प्रिय हैं और गणेश को लड्डू इसलिए प्रसाद के रूप में लड्डू चढ़ाएं तो भक्त को लक्ष्मी की कृपा के साथ-साथ गणेश जी का आशीष प्राप्त होगा।
जानें मां लक्ष्मी को
वैसे तो मां लक्ष्मी धन की देवी कहलाती है लेकिन वो भगवान विष्णु की प्रिय पत्नी हैं, जो कि कमल के फूल पर विराजती हैं, मां लक्ष्मी का रूप काफी मनोरम है, वो धन-वैभव और समृद्दि की देवी हैं, लक्ष्मी का शाब्दिक अर्थ ही सम्पत्ति है, इसलिए जिसके ऊपर मां की कृपा है, उसके पास सम्पत्ति की कभी कमी नहीं हो सकती है। मां लक्ष्मी समुंद्र मंथन के दौरान समुंद्र से प्रकट हुई थीं।