लाइव हिंदी खबर :- अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार द्वारा शुरू किए गए गोल्ड कार्ड वीजा प्रोग्राम को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस वीजा के लिए 1 मिलियन डॉलर यानी करीब 9 करोड़ रुपये की भारी-भरकम फीस तय किए जाने के खिलाफ कैलिफोर्निया के नेतृत्व में 20 अमेरिकी राज्यों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

इन राज्यों का कहना है कि इतनी ज्यादा फीस न सिर्फ गैर-कानूनी है, बल्कि इससे अमेरिका में जरूरी सेवाओं पर भी गंभीर असर पड़ेगा। राज्यों के मुताबिक, गोल्ड कार्ड वीजा के जरिए डॉक्टर, नर्स, शिक्षक, इंजीनियर, वैज्ञानिक और रिसर्चर्स जैसे उच्च कुशल पेशेवर अमेरिका आते हैं। अगर वीजा इतना महंगा होगा तो ऐसे प्रोफेशनल्स अमेरिका आना ही छोड़ देंगे।
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने कहा कि अमेरिका की ताकत उसकी विविधता और वैश्विक टैलेंट में है। दुनियाभर से आने वाले कुशल लोग अस्पतालों, स्कूलों, यूनिवर्सिटीज और सरकारी संस्थानों को मजबूत बनाते हैं। लेकिन ट्रम्प प्रशासन का यह फैसला डॉक्टरों और शिक्षकों की पहले से चली आ रही कमी को और बढ़ा देगा।
मुकदमा दायर करने वाले राज्यों में कैलिफोर्निया के अलावा न्यूयॉर्क, इलिनॉय, वॉशिंगटन, मैसाचुसेट्स सहित कई बड़े राज्य शामिल हैं। इनका आरोप है कि प्रशासन ने बिना उचित कानूनी प्रक्रिया और कांग्रेस की मंजूरी के इतनी बड़ी फीस तय कर दी है।
राज्यों ने कोर्ट से मांग की है कि गोल्ड कार्ड वीजा पर लगाई गई फीस को तुरंत रोका जाए। उनका कहना है कि अगर यह योजना इसी तरह लागू रही, तो इसका नुकसान सिर्फ विदेशी आवेदकों को ही नहीं, बल्कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा व्यवस्था को भी झेलना पड़ेगा।