लाइव हिंदी खबर :- तुर्की द्वारा संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाने के जवाब में भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए साइप्रस विवाद को सामने रखा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में साइप्रस के विदेश मंत्री कांस्टेंटिनोस कोम्बोस से बातचीत की और स्पष्ट कहा कि साइप्रस विवाद का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव और अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत होना चाहिए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी है कि भारत ने साइप्रस मामले पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। गौरतलब है कि 1974 में तुर्की ने साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद से वहां विवाद जारी है और आज तक समाधान नहीं निकला।
भारत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब 3 दिन पहले ही तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था। इस पर जायसवाल ने कहा कि कश्मीर पर भारत का रुख पिछले 10 वर्षों से पूरी तरह साफ है। यह भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी बाहरी हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं है।
भारत द्वारा साइप्रस मुद्दा उठाना तुर्की को सीधा संदेश है कि यदि वह भारत के आंतरिक मामलों में दखल देगा, तो भारत भी उसके संवेदनशील मुद्दों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने से पीछे नहीं हटेगा। यह पहली बार नहीं है जब एर्दोगन ने कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया हो, लेकिन भारत ने इस बार रणनीतिक तरीके से जवाब दिया और साइप्रस का उदाहरण देकर तुर्की को उसकी ही भाषा में पलटवार कर करारा जबाव दिया।