लाइव हिंदी खबर :- जस्टिस अजीत सिन्हा ने गृह मंत्री द्वारा किसी फैसले की आलोचना को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा, “गृह मंत्री का विचार यह था कि उन्होंने एक निर्णय की आलोचना की, यह कहते हुए कि इसे टाला जा सकता था। यह इस बात पर नहीं कि उन्हें निर्णय सही लगा या गलत; जो भी था, वह उनका मत था। हालांकि, कुछ पूर्व न्यायाधीशों की प्रतिक्रिया इसे गलत तरीके से प्रस्तुत करने जैसी है, और मेरा मानना है कि यह उचित नहीं था।”

जस्टिस सिन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि व्यक्तित्व पर हमले या बयान की गलत व्याख्या न्यायपालिका की स्वतंत्रता और गरिमा के लिए हानिकारक हो सकती है।
इस बयान ने राजनीतिक और न्यायिक गलियारों में चर्चा को जन्म दिया है, जहां गृह मंत्री की टिप्पणी और उसके बाद की प्रतिक्रियाओं को लेकर बहस जारी है।