मेष –
इस राशी का गोचर अष्टम होगा जिसका फल खराब होता है| परन्तु इस बार ये रजत पाद से प्रवेश कर रहा है| इस वजह से आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है साथ ही प्रारंभिक रूप में संघर्ष करना पड़ेगा| साथ ही रजत पाद के कारण उत्तरार्ध्द सामान्य होगा| इस दौरान आप किसी भी शुभ चिन्तक से परामर्श ले सकते है| इसके साथ ही नियमित रूप से ॐ बृं बृहस्पतये नमः का 108 बार जप करने से नकारात्मकता कम होगी|
वृषभ –
इस राशि में सप्तम बृहस्पति का गोचर स्वर्ण पाद से होगा| ऐसा होने से आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी| साथ ही व्यवसाय एवं नौकरी करने वालों को चतुर्दिक सफलता मिलेगी| सबसे महत्वपूर्ण है की आप शनि की से सावधानी रखे| साथ ही विदेश जाने से जुड़े कार्यों से बचने का प्रयास करे|
मिथुन –
इस राशी में छठे भाव में गुरु गोचर है जो की राशी के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता| इस वजह से आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे- शत्रु, रोग एवं किसी अच्छे कार्य में बाधा जैसी कई मुसीबते| सावधान रहे और नियमित रूप से राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करे|
कर्क –
इस राशि का पंचम भाव का गोचर मिश्रित फल प्रदान करेगा| जातक सफलता प्राप्त करने के लिए आगे बढेगा लेकिन सफलता नहीं मिलेगी| संतान पक्ष वालों को चिंता मिलने की संभावना है| सफलता पाने के लिए नियमित रूप से विष्णुसहस्रनाम का पाठ करना फलदायक रहेगा|